Rajya Sabha News: संसद का मानसून सत्र चल रहा है. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में सियासी बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. इसके साथ ही बीते 23 जुलाई को आम बजट पेश किया गया है. बजट पर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है और सरकार को घेर रहा है. इसमें सरकार की तरफ से भी कड़ी प्रतिक्रिया दी जा रही है जिससे दो तरफा सियासी बयानबाजी काफी तेज दिखाई दे रही है. इसी क्रम में बीजेपी सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने राज्यसभा में कांग्रेस पर पलटवार किया है. इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ भी की है. प्रधानमंत्री मोदी की स्वामी विवेकानन्द से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के भोग-विलास के लिए प्रधानमंत्री जी नहीं आए, वह भारत के कल्याण के लिए आए हैं.
सांसद ने प्रधानमंत्री की तुलना स्वामी विवेकानंद से की
सांसद राधा मोहन दास ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना स्वामी विवेकानंद से करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी जब शपथ ले रहे थे, तो दो प्रकार की शपथ ले रहे थे. एक संवैधानिक शपथ, जो महामहिम राष्ट्रपति शपथ दिलवा रही थीं. उसी समय वह दूसरी शपथ प्रधानमंत्री ले रहे थे कि मैं अगर प्रधानमंत्री बना हूं, तो मेरे काम करने की दृष्टि क्या होगी, मेरी आर्थिक नीतियां क्या होंगी और वह शपथ उन्हें नरेंद्र नाम का एक दूसरा नौजवान दिलवा रहा था और उसका नाम था नरेंद्र नाथ दत्त विवेकानंद. विवेकानंद बोल रहे थे और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन में ही उनके शब्दों को दोहरा रहे थे. प्रधानमंत्री कह रहे थे कि मैं नहीं भूलूंगा कि मेरा विवाह, मेरी संपत्ति, मेरा जीवन, मेरे व्यक्तिगत भोग-विलास या इंद्रिय सुखों के लिए नहीं हुआ है. मैं नहीं भूलूंगा कि मेरा यह समाज विराट उस महामाया की एक छाया मात्र है. मैं नहीं भूलूंगा कि भारत के जितने भी नागरिक हैं, अशिक्षित हों, गरीब हों, दलित हों पिछड़े हों, यह सभी भारतवासी हैं. हमारे परिवार के सदस्य हैं. इनका सुख और दुख, हमारा सुख-दुख होगा. इस बात को मैं नहीं भूलूंगा कि जब तक यह जीवन है, यह धरती हमारे लिए स्वर्ग है. भारत का कल्याण ही हमारा कल्याण है. उन्होंने कहा कि जिस यात्रा को माननीय प्रधानमंत्री जी ने 2014 में शुरू किया, वह यात्रा उनकी अनवरत जारी है.
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राधा मोहन दास ने संसद में भारत भूमि का किया वर्णन
राज्यसभा में राधा मोहन ने कहा कि हमारे सामने दो बिंब होते हैं, एक बिंब होता है भारत का, वह भारत जिसे हम मां मानते हैं. हमारे शास्त्र कहते हैं… माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः. हजारों साल पहले जिसके बारे में लिखा गया…उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्, वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः, जिसका अर्थ है कि समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो देश है. उसे भारत कहते हैं, उसकी हम संतानें हैं, इसलिए भारती कहे जाते हैं. दूसरा बिंब होता है हमारे प्रधानमंत्री का, 26 मई 2014 को जब उन्होंने पहली बार शपथ ली. हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि स्वर्गीय नेहरू जी के बाद वह दुनिया की अकेली शख्सियत हैं, जिन्होंने लगातार तीसरी बार शपथ लेने का काम किया.
कांग्रेस पर किया पलटवार
सांसद राधा मोहन ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने 65 वर्षों में दिनकर के उस दर्द को किंचित मात्र बदला होता, तो आज इनको वह बातें दोहरानी नहीं पड़ती. जनधन योजना प्रधानमंत्री लाए, आप तो 65 सालों में नहीं ला पाए. 53 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बैंक का मुंह नहीं देखा था. आपको प्रधानमंत्री जी का आभारी होना चाहिए. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए राधा मोहन ने कहा कि महिला रात के अंधेरे में शौचालय जाती थीं. आपको एहसानमंद होना चाहिए कि जिन्होंने भारत में स्वच्छ भारत योजना शुरू की. गर्व से कह सकता हूं कि आज कोई महिला रात को शौचालय जाने के लिए बाध्य नहीं है. आपको शर्म आनी चाहिए कि 65 साल सत्ता में रहे और 3 करोड़ 70 लाख सिर्फ ऐसे घर थे, जिनके घर आप पीने का पानी पहुंचा सकें. आप 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं.
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