डेबिट और क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग को रोकने और ट्रांजेक्शन से जुड़े फ्रॉड पर लगाम कसने के लिए रिजर्व बैंक 16 मार्च से नये नियम लागू करने जा रहा है. ये नियम सभी डेबिट-क्रेडिट कार्ड (फिजिकल और वर्चुअल) पर लागू होंगे. इनमें रि-इश्यू कार्ड भी शामिल हैं. अगर आप डेबिट कार्ड (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल करते हैं तो आज आपको हर हाल में एक बार ऑनलाइन और कॉन्टेक्सलैस ट्रांजैक्शन कर लें. दरअसल, 16 मार्च से डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली ऑनलाइन और कॉन्टेक्टलैस ट्रांजैक्शन सर्विस बंद हो जाएगी.आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी/फिर से जारी करते समय उन्हें केवल भारत में एटीएम और प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल्स पर ट्रांजेक्शन के लिए सक्रिय करें.
बता दें कि पुराने नियमों के अनुसार ये सेवाएं कार्ड के साथ स्वत: आती थीं लेकिन अब ग्राहक के आग्रह पर ही शुरू होंगी. रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वे मोबाइल एप्लीकेशन, लिमिट मोडिफाई करने के लिए नेट बैंकिंग विकल्प और इनेबल व डिसेबल सेवा सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध करवाएं. कार्ड के स्टेटस में जब भी बदलाव हाेगा, बैंक एसएमएस/ई-मेल के जरिये ग्राहक काे अलर्ट/सूचना/स्टेटस भेजेंगे. RBI ने इस संबंध में जनवरी 2020 में अधिसूचना जारी की थी. अब से विदेश जाने वाले यात्रियों को उनके बैंक कार्ड पर ओवरसीज फैसेलिटी नहीं मिलेगी. अगर आपको ये सुविधा चाहिए होगी तो आपको बैंक में इसके लिए पहले आवेदन करना होगा.
इस टेक्नॉलजी की मदद से कार्डहोल्डर को ट्रांजेक्शन के लिए स्वाइप करने की जरूरत नहीं होती है. पॉइंट ऑफ सेल मशीन से कार्ड को सटाने पर पेमेंट हो जाता है. बिना पिन डाले 2000 रुपये तक का ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. कॉन्टेक्टलेस क्रेडिट कार्ड में दो तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है ‘नियर फील्ड कम्युनिकेशन’ और ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी). जब इस तरह के कार्ड को इस तकनीक से लैस कार्ड मशीन के पास लाया जाता है, तो पेमेंट अपने-आप हो जाता है. जिन डेबिट या क्रेडिट कार्ड धारकों ने कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं किया है तो ऐसे कार्ड यूजर्स के लिए यह सर्विस 16 मार्च बंद हो जाएगी.