शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान जिस केस में अभी जेल में हैं उसमें बदलाव की संभावना है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने राजस्व विभाग को एक रिपोर्ट सौंपा है जिसमें यह सिफारिश की गयी है कि कम मात्रा में मादक पदार्थ रखने को अपराध की श्रेणी से हटा दिया जाये.
पीटीआई न्यूज के अनुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नशीली दवा एवं मादक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की समीक्षा में निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में मादक पदार्थ (ड्रग्स) रखने को अपराध की श्रेणी से हटाने की सिफारिश की है.
अभी एनडीपीएस अधिनियम के तहत अगर किसी व्यक्ति के पास से कम मात्रा में भी ड्रग्स बरामद होता है तो उसे राहत देने का कोई प्रावधान नहीं है. अधिनियम के तहत आरोपी कारावास से तभी बच सकता है जबकि वह खुद पुनर्वास केंद्र जाने की इच्छा जताये.
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते मंत्रालय ने अपनी सिफारिशों में यह कहा है कि निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में मादक पदार्थ के पाए जाने पर उसे अपराध की श्रेणी से हटा दिया जाये.
एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि निजी इस्तेमाल के लिए कम मात्रा में नशीले पदार्थ के साथ पकड़े जाने पर व्यक्ति को जेल भेजे जाने की बजाय सरकारी केंद्रों में अनिवार्य उपचार के लिए भेजा जाना चाहिए.
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भारत में मादक पदार्थ रखना अपराध है और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27 में मादक पदार्थ के सेवन के लिए एक साल तक की कैद या 20,000 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है. इसी इस धारा के तहत अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया है.
Posted By : Rajneesh Anand