Republic Day 2024: भारत पर्व गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2024) की धूम अभी से पूरे देश में दिखाई देने लगी है. दिल्ली समेत सभी राज्यों में इस ऐतिहासिक दिन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. गणतंत्र दिवस (Republic Day of India) के मौके पर भारत की परंपरा रही है कि अपने किसी मित्र देश के राष्ट्रनायक को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता है. वर्षों से निभाई जा रही यह परंपरा इस बार भी जारी है. इस बार भारत अपने एक खास दोस्त को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर रहा है. हालांकि भारत गणतंत्र दिवस के मौके पर अमेरिकी के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया था, लेकिन किसी कारण उन्होंने आने में असमर्थता जताई थी, इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को 26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया.
इमैनुएल मैक्रों होंगे मुख्य अतिथि
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं. भारत के निमंत्रण को फ्रांस के राष्ट्रपति ने न सिर्फ स्वीकार किया, बल्कि इसपर काफी खुशी भी जाहिर की. उन्होंने भारत के निमंत्रण पर शुक्रिया भी कहा. मैक्रों ऐसे छठे फ्रांसीसी नेता हो जाएंगे जिन्हें भारत ने यह सम्मान दिया है.गौरतलब है कि फ्रांस भारत का काफी करीबी दोस्त है. भारत और फ्रांस के बीच अच्छा व्यापारिक रिश्ता है. इसके अलावा फ्रांस के साथ भारत का रक्षा सौदा भी है. फ्रांस से भारत राफेल विमान भी खरीदा है, जो पांचवीं पीढ़ी की अत्याधुनिक विमान है.
पीएम मोदी के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा था शुक्रिया
वहीं, गणतंत्र दिवस पर मिले भारत के निमंत्रण पर खुशी जताते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने हाल में ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्वीटर)पर धन्यवाद दिया था. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था कि ‘मेरे प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी, आपके गणतंत्र दिवस पर मैं आपके साथ जश्न मनाने के लिए यहां रहूंगा.’ उन्होंने कहा कि आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद. इसी कड़ी में विदेश मंत्रालय की ओर से भी एक बयान जारी कर कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 75 वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आ रहे हैं.
कैसे होता है मुख्य अतिथि का चुनाव
गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि किसे बनाया जाए, इसकी प्रक्रिया आयोजन से करीब छह महीने पहले ही शुरू हो जाती है. निमंत्रण देने से पहले विदेश मंत्रालय कई बातों पर विचार करता है. इसके बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मंत्रणा होती है. इसके साथ ही इस बात पर भी विचार किया जाता है कि संबंधित देश का भारत के साथ रिश्ता कैसा है. दरअसल, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण भारत और आमंत्रित देश के राष्ट्रनायक के देश के बीच की मित्रता का संकेत है. जिसे भारतीय विदेश मंत्रालय आमंत्रित देश के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए करता है. इसके अलावा इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्य देश से तो हमारे संबंध खराब नहीं होंगे.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से होती है मंत्रणा
विदेशी मेहमान को आमंत्रित करने से पहले भारत का विदेश मंत्रालय पहले मुख्य अतिथि का चयन करता है. इसके बाद मंत्रालय इस मुद्दे को लेकर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मंत्रणा करता है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से अनुमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होता है. भारत के राजदूत इस बात का पता करते है कि उस खास दिन मेहमान देश के राष्ट्रनायक उपलब्ध हो सकेंगे या नहीं. कई बार मेहमान का उस तिथि में और कार्यक्रम होता है. जैसे इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति को निमंत्रण मिला था लेकिन अन्य व्यस्थता के कारण वो उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे, इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया.