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Road Safety: आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कम होंगे सड़क हादसे

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति बेहद गंभीर है और देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसे होते हैं. सड़क हादसे में घायल होने वाले आधे लोग 18-36 आयु वर्ग के हैं. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने की है.

Road Safety: देश में सड़क नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है. मौजूदा समय में भारत में विश्व स्तरीय सड़कों का निर्माण हो रहा है, लेकिन सड़क सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बना रहा है. हर साल देश में सड़क हादसे में 1.5 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है. इससे देश की जीडीपी को 3 फीसदी का नुकसान हो रहा है. ऐसे में सड़क सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक अपनाना बेहद जरूरी हो गया है. गुरुवार को 12 वें ट्रैफिक इंफ्रा टेक एक्सपो को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात कही.

\उन्होंने कहा कि भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति बेहद गंभीर है और देश में हर साल पांच लाख सड़क हादसे होते हैं. सड़क हादसे में घायल होने वाले आधे लोग 18-36 आयु वर्ग के हैं. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने की है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं. विकसित देशों में सड़क इंजीनियरिंग के लिए प्रयोग होने वाली तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. सड़क निर्माण को बेहतर बनाने के लिए स्टार्टअप और युवा इंजीनियर भी काम कर रहे हैं. सड़क सुरक्षा आधुनिक तकनीक को अपनाये, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया बिना संभव नहीं है. 

सड़क सुरक्षा के लिए सब को मिलकर करना होगा काम


ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य नये तरीके से ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों की पहचान कर जुर्माना लगाना होगा. गडकरी ने कहा कि टोल कलेक्शन के तरीके को भी अपग्रेड किया जा रहा है और सैटेलाइट से टोल वसूलने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है. सड़क सुरक्षा को बेहतर करने के लिए मंत्रालय ने निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को तैनात करने का निर्णय लिया है. ताकि विशेषज्ञ सड़क सुरक्षा को बेहतर करने के तकनीक उपाय सुझा सकें.

इन सुझावों पर गौर करने के लिए एक डेडिकेटेड एक्सपर्ट कमेटी बनायी गयी है जो स्टार्टअप और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों के सुझाव का अध्ययन कर रोडमैप तैयार करेगी. कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है ताकि सड़क सुरक्षा में तेजी से सुधार के उपायों को लागू किया जा सके. सरकार सड़क सुरक्षा के लिए उच्च स्तर की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेगी. उच्च स्तर के सर्विलांस कैमरा के अलावा आधुनिक तकनीक का प्रयोग व्यापक पैमाने पर करने की योजना है. 

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