Mohan Bhagwat News : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि संघ परिवार ने कभी भी आरक्षण का विरोध नहीं किया है. संघ का यह मानना है कि जबतक जरूरत हो, आरक्षण को लागू रखना चाहिए. मोहन भागवत का यह बयान उस वक्त आया है जब विपक्षी दल यह दावा कर रहा है कि अगर नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में तीसरी बार जीतकर आई तो वह देश के संविधान को बदल देगी और आरक्षण की नीति को समाप्त कर देगी.
2015 में आरक्षण नीति की समीक्षा की बात कही थी
मोहन भागवत ने हैदराबाद के एक शिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि संघ परिवार का विचार यह है कि आरक्षण तब तक दिया जाए, जब तक कि उसकी जरूरत हो. गौरतलब है कि 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोहन भागवत ने यह बयान दिया था कि आरक्षण नीति की समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा था कि आरक्षण दिए जाने के बावजूद कई वर्ग का विकास उस तरह नहीं हुआ, जैसा कि होना चाहिए था. मोहन भागवत के इस बयान के बाद बीजेपी को सफाई देनी पड़ी थी. लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के सभी नेता आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं.
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2024 में 400 पार का लक्ष्य
आज गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों की वजह से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया में एसटी-एससी और ओबीसी को आरक्षण नहीं मिला है. आरएसएस को बीजेपी का वैचारिक गुरू माना जाता है. आरएसएस बीजेपी के लिए संगठन स्तर पर काम करता है और इस बार उनका लक्ष्य बीजेपी को संसदीय इतिहास में 400 से अधिक सीट पर जीत दर्ज कराना है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 282, 2019 में 303 सीट मिला था.