राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी द्वारा दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए एक दिवसीय किया. पायलट सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक अनशन पर बैठे. उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इधर उनके अनशन से कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गयी है. एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके बीच विवाद गहराने की उम्मीद की जा रही है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई
सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर हमला करते हुए कहा, वसुंधरा जी के कार्यकाल में जब हम विपक्ष में थे तो हमने बहुत सारे घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों को उजागार किया था. हमने जनता से वादा किया था कि जब हम सरकार में आएंगे तब वसुंधरा जी और भाजपा के शासन में तमाम जो घोटाले हुए उसके खिलाफ प्रभावशाली कार्रवाई करेंगे. अब जब हम सरकार में हैं, 4 साल से ज्यादा का समय बीत गया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई इसलिए आज मैंने अनशन रखा है. उन्होंने कहा, हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कांग्रेस के राज्य प्रभारी पर भी हमला किया और कहा, सुखजिंदर सिंह रंधावा कुछ दिन पहले ही प्रभारी बने हैं. मैंने पूर्व के प्रभारियों से भी बात की थी, लेकिन यह भ्रष्टाचार का मामला अभी तक बना हुआ है.
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद रहे
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद रहे, हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया. पायलट ने मौजूदा विधायकों से इस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा था. इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया. वहां बनाए गए छोटे से मंच पर केवल पायलट बैठे. उनके समर्थक व अन्य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे. मंच के पास महात्मा गांधी एवं ज्योतिबा फुले की तस्वीरें रखी गईं. मंच के पीछे केवल महात्मा गांधी की फोटो के साथ ‘वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन’ लिखा है. लाउडस्पीकर पर अलग अलग देशभक्ति गाने बजाए गए.
Sukhjinder Singh Randhawa became in charge a few days ago. I had also talked to the earlier in-charge but this corruption issue is still there. We should speak against corruption and our fight against corruption will continue: Congress MLA Sachin Pilot https://t.co/yiCXYqTKs2 pic.twitter.com/mMeDVL3wE2
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 11, 2023
कांग्रेस ने पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी करार दिया
कांग्रेस पार्टी ने पायलट के इस कदम को ‘पार्टी विरोधी’ करार दिया है. पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है. रंधावा ने कहा, अगर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ उन्हें कोई समस्या है तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी के मंच पर चर्चा की जा सकती है. इसके साथ ही रंधावा ने कहा कि पायलट ने कभी उनसे ऐसे मुद्दे पर चर्चा नहीं की.
2018 से जारी है पायलट और गहलोत के बीच विवाद
सचिन पायलट के इस अनशन को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बताया जा रहा है. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जबकि सचिन पायलट अशोक गहलोत के लिए मुसिबत बने हैं. उल्लेखनीय है कि गहलोत और पायलट में यह खींचतान दिसंबर 2018 में सरकार गठन के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई थी. तब पार्टी आलाकमान ने गहलोत को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद दिया जबकि पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया. जुलाई 2020 में पायलट ने कुछ और विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इसके बाद राज्य में लगभग एक महीने तक राजनीतिक संकट रहा जो पार्टी आलाकमान की ओर से पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था.