मणिपुर मामले को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. इस बीच संसद में विदेश नीति पर अपने बयान के दौरान विपक्ष के विरोध पर निशाना साधते हुए, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं का विवरण उन्होंने सूचीबद्ध किया.
विदेश मंत्री जयशंकर ने वीडियो को ट्विटर पर किया पोस्ट
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया. इसमें वे बयान देते नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि दुख की बात है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया. जाहिर है, उनके लिए दलगत राजनीति राष्ट्रीय प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण थी. आपको बता दें कि विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में जोरदार विरोध जताया था जब विदेश मंत्री ने विदेश नीति की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की भारत यात्राओं के साथ-साथ मुर्मू और मोदी के विदेश दौरों का विवरण साझा किया था.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कई स्तरों पर इन प्रयासों के माध्यम से, हम एक अस्थिर और अनिश्चित दुनिया में अपने राष्ट्रीय उद्देश्यों और हितों को आगे बढ़ाने में सक्षम हुए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति उन मुद्दों पर केंद्रित है जो सीधे तौर पर जनता के कल्याण और आम नागरिक के जीवन को प्रभावित करते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि ये आम नागरिक विदेश में हिरासत में लिये गये हमारे मछुआरे या संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हुए लोग हो सकते हैं.
Yesterday, my statement to the Parliament on recent developments in Indian foreign policy was continuously disrupted.
Here is a thrust of my remarks. https://t.co/fXikQSVhfj— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 28, 2023
बहस करने की अनुमति नहीं दी गयी
आगे जयशंकर ने कहा कि यह विदेशों में छात्रों और पेशेवरों के लिए बेहतर वीजा सुविधाएं या काम करने की स्थिति हो सकती है. यह महत्वपूर्ण क्षेत्रों और प्रौद्योगिकियों में प्रगति के माध्यम से हमारे देश के भविष्य के बारे में हो सकते हैं. चाहे वह इंजन प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर हो, ड्रोन हो या फिनटेक, ये नये भारत के निर्माण खंड हैं. जयशंकर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन मामलों पर उस गंभीरता के साथ चर्चा और बहस करने की अनुमति नहीं दी गयी जिसके वे हकदार थे.
क्या हुआ गुरुवार को
आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद में कहा कि आज के जटिल अंतरराष्ट्रीय मामलों के बीच भारत की जन केंद्रित विदेश नीति समाज की मांगों और आकांक्षाओं द्वारा निर्देशित होती है जिसके माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देते हुए देश अपनी हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढा़वा दे रहा है. जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में ‘‘भारत की विदेश नीति में नवीनतम विकास’’ के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए वक्तव्य दिया. उनके वक्तव्य के समय मणिपुर के मुद्दे पर दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी कर रहे थे.