Samajwadi party: समाजवादी पार्टी के नेता और आजमगढ़ लोकसभा सीट सांसद धर्मेंद्र यादव ने सदन में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए नीतियों पर सवाल उठाए हैं. सपा नेता ने कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने आम बजट 2024-25 को भेदभाव पूर्ण करार देते हुए इसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि वर्तमान एनडीए सरकार के 11वें बजट को सभी वर्गों की उपेक्षा करने वाला कहा.
धर्मेंद्र यादव ने आगे भारतीय जनता पार्टी को की पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए बोला कि ,”अरे यार बेईमानी से जीते हो, मालूम है कितने बड़े तीरंदाज हो. वहीं उन्होंने कहा कि बेईमानी हो, बेईमानी हो, बेईमानी हो.” धर्मेंद्र यादव शिक्षा और रोजगार का मुद्दा भी उठाया और कहा कि,”देश के नौजवान खुश होने वाले नहीं है. शिक्षा के मसले पर लगातार बजट घटाया जा रहा है. लगातार सरकारी शिक्षा काम की जा रही है और यह बीजेपी की सरकार की लगातार पर्याप्त है कि नौजवान शिक्षित होंगे तो सवाल पूछेंगे.”
शिक्षा एवं रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा
धर्मेंद्र यादव ने सदन में रोजगार का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि घोषणा के तहत 10 साल में 20 करोड़ रोजगार मिलने चाहिए थे. वह कहां है? उन्होंने आगे कहा कि 10 साल बाद रोजगार की याद आई तो आप ट्रेनिंग की बात करते हो, आप आईआईटी, आईआईएम के पासआउट को रोजगार नहीं दे पा रहे हो. शिगूफे से छात्र-युवा खुश नहीं होने वाला है. शिक्षा के स्तर पर सवाल उठाते हुए धर्मेंद्र यादव ने कहा जेएनयू से बीएचयू तक की शिक्षा को बर्बाद किया गया. यूजीसी का बजट कम किया जा रहा है. शिक्षा को उद्योगपतियों को देने के हाथ में दे रही है.
सपा नेता ने वित्त मंत्री पर लगाए भेदभाव पूर्ण रवैया रखने का आरोप
सदन में सपा नेता धर्मेंद्र यादव ने देश में व्याप्त सामाजिक असमानता का मुद्दा उठाया. धर्मेंद्र यादव ने सरकार मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि 2014 में देश के वेल्थ में पिछड़ों की हिस्सेदारी 17 फीसदी थी. 10 साल की एनडीए सरकार के बाद पिछड़ों की आर्थिक हिस्सेदारी 9 फीसदी हो गई है. उन्होंने वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर अनुसूचित जनजाति का अगर कोई भी व्यक्ति अरबपति हो तो उसके बारे में बताएं. एक भी अरबपति दलित-पिछड़ों को बनाया हो, उसके बारे में बताओ. ओल्ड पेंशन स्कीम की व्यवस्था की भी मांग की. पैरा मिलिट्री फोर्स को भी उन्होंने पुरानी पेंशन दिए जाने की मांग की. संविदाकर्मियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह दलित, पिछड़े और आदिवासियों को पीछे करने की साजिश है. यूपी ने आपको बाहर कर ही दिया है, अन्य राज्यों से आपको बाहर करेंगे.