Sambhal Mosque Survey : संभल मस्जिद सर्वे के खिलाफ मस्जिद कमेटी की अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने शीर्ष कोर्ट में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश को चुनौती दी है. इस आदेश में मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे की अनुमति दी गई थी. हिंदु पक्ष का दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर को नष्ट करके किया गया था. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ शुक्रवार को विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर सकती है. इसमें अन्य बातों के अलावा, 19 नवंबर के ट्रायल कोर्ट के आदेश के पर स्टे लगाने की मांग की गई है.
जुमे की नमाज के पहले संभल में प्रशासन अलर्ट
इस बीच, उत्तर प्रदेश के संभल में जुमे की नमाज के पहले प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. जामा मस्जिद के गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. इलाके में ड्रोन से निगरानी की जा रही है. संभल में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बाहर सुरक्षा तैनात की गई है क्योंकि कोर्ट द्वारा नियुक्त एएसआई टीम आज शाही जामा मस्जिद पर सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में क्या कहा?
मस्जिद कमेटी की याचिका में कहा गया है कि मस्जिद 16वीं शताब्दी से अस्तित्व में थी. मुस्लिम लगातार इसका इस्तेमाल पूजा स्थल के रूप में करते रहे हैं, लेकिन आठ वादियों द्वारा मुकदमा दायर किए जाने के बाद मामले को जल्दबाजी में निपटा दिया गया. इनका कहना है कि इस मस्जिद को ‘श्री हरि हर मंदिर’ को नष्ट करने के बाद बनाया गया था. याचिका में कहा गया है कि यह वाद 19 नवंबर को प्रस्तुत किया गया था. उसी दिन ट्रायल कोर्ट ने एकपक्षीय आदेश दिया. इसमें मस्जिद के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया था.
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आदेश के दो घंटे के भीतर सर्वे हुआ शुरू
मस्जिद प्रबंधन ने कहा कि आदेश के दो घंटे के भीतर, एडवोकेट कमिश्नर, वादी के वकील और पुलिस बल सर्वे करने के लिए मस्जिद पहुंच गए. सर्वे शाम 6 बजे शुरू हुआ और रात 8.30 बजे तक जारी रहा. टीम 24 नवंबर की सुबह दूसरे सर्वे के लिए पहुंची और नमाज के लिए मस्जिद में मौजूद नमाजियों से परिसर छोड़ने को कहा.
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