Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने सांसद बर्क के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि FIR रद्द नहीं की जाएगी. पुलिस की जांच जारी रहेगी. हालांकि, हाईकोर्ट ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि सांसद बर्क की गिरफ्तारी नहीं की जाए.
सांसद जियाउर रहमान बर्क मामले में अब आगे क्या हो सकता है?
- पुलिस सांसद बर्क को नोटिस जारी करेगी.
- पुलिस नोटिस जारी करके जियाउर रहमान बर्क को पूछताछ के लिए बुला सकती है.
- सांसद जियाउर रहमान बर्क को पुलिस जांच में सहयोग करना पड़ेगा.
सपा सांसद बर्क ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एफआईआर को चुनौती दी थी. उन्होंने इसे रद्द करने की मांग कोर्ट से की थी. जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस अजहर हुसैन इदरीसी की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की.
ये भी पढ़ें : संभल के जामा मस्जिद का क्या है सच ? जानिए क्या है इतिहासकारों की राय
सपा सांसद पर क्यों दर्ज हुई FIR?
जियाउर रहमान बर्क उत्तर प्रदेश के संभल से सांसद हैं. यहां जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. हिंसा भड़काने का आरोप उनपर लगा. पुलिस ने मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सोहेल इकबाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
क्या हुआ था संभल में?
24 नवंबर को कोर्ट के आदेश के बाद संभल जिले के चंदौसी में स्थित जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए टीम पहुंची थी. इसके बाद वहां बवाल मच गया. हिंसा इतनी भड़की की चार लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए. संभल की जिला अदालत ने 19 नवंबर को मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था.
संभल हिंसा को लेकर प्रशासन ने कहा था कि सर्वे का काम हो रहा था, लेकिन कुछ लोगों ने लड़कों को उकसाया. इसके बाद हिंसा हुई. झूठ भी फैलाया गया कि मस्जिद के अंदर खुदाई कराई जा रही है, जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई. भीड़ ने पथराव भी किया.