Sarkari Naukri, Government Job News, Ministry of finance: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकारी पदों के लिए की जाने वााली भर्तियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. मंत्रालय की तरफ से शनिवार को ट्वीट कर कहा गया कि एसएससी, यूपीएससी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड आदि के जरिए भर्तियां जैसे पहले होती थीं, उसी तरह की जाएंगी.
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते बढ़ते राजकोषीय घाटे के और गहराने की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को सभी मंत्रालयों और विभागों से गैर-जरूरी खर्च घटाने को कहा था. ये भी कहा गया था कि परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा हो. साथ ही आयोजनों में कटौती की जाए और छपाई के लिए आयातित कागज का इस्तेमाल बंद करने की भी सलाह दी गई थी.
CLARIFICATION:
There is no restriction or ban on filling up of posts in Govt of India . Normal recruitments through govt agencies like Staff Selection Commission, UPSC, Rlwy Recruitment Board, etc will continue as usual without any curbs. (1/2) pic.twitter.com/paQfrNzVo5— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 5, 2020
सरकारी महकमों में नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया था कि इन पर प्रतिबंध रहेगा. इस सर्कूलर के सामने आने के बाद वबाल मच गया. लोग सोशल मीडिया पर सरकार के प्रति रोष प्रकट करने लगे. तब केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान लिया और वित्त मंत्रालय ने शनिवार को सफाई दी. ये ट्वीट मंत्रालय के व्यय विभाग की तरफ से 4 सितंबर को जारी किए गए सर्कुलर पर सफाई देने के मकसद से किया गया है.
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने के लिए कोई पाबंदी नहीं है. यूपीएससी,एसएससी, आरएलवी भर्ती बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियां पहले की ही तरह भर्तियों को जारी रखेंगी. इसके साथ-साथ वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 4 सितंबर 2020 को जारी मंत्रालय के व्यय परिपत्र पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है. यह किसी भी तरह से भर्ती को होने से न तो रोकता है और न ही उसे रद्द करता है.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के कारण सभी मंत्रालयों/विभागों से गैर- जरूरी खर्चों को कम करने को कहा था. इसमें मंत्रालयों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी. इसी के बाद सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध होने की अफवाह शुरू हुई.
Posted By: Utpal kant