जहां झारखंड (jharkhand) में कोरोना संकट के बीच दिसंबर में ही स्कूल (School Reopen) खोल दिये गये थे. वहीं बिहार (bihar) में चार जनवरी से यानी आज से छात्र स्कूल का रुख करेंगे. इसी बीच नए साल के पहले दिन यानी शुक्रवार को कर्नाटक, केरल और असम में स्कूल फिर से खुल गए. लगभग दस महीनों के बाद इन राज्यों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्कूलों को फिर से खोलने का काम किया गया. स्कूल खोलने और दिशा-निर्देशों का पालन से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
स्कूलों में मास्क पहनना, थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाना अनिवार्य कर दिया गया है. कई छात्र अपने माता-पिता से सहमति पत्र के साथ स्कूल पहुंचे, जबकि कुछ छात्रों ने अभी घर में ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करना उचित समझा क्योंकि वे महामारी की स्थिति और कोरोना वायरस के एक नए प्रकार के उभरने को लेकर चिंतित हैं.
नए साल के पहले दिन कर्नाटक और केरल में, स्कूलों में 10वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई फिर से शुरू हो गई, जबकि असम में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए स्कूल खुल गए. केंद्र सरकार ने परामर्श जारी किया है कि शैक्षणिक संस्थानों में केवल 50 प्रतिशत छात्रों को ही अनुमति दी जाए. छात्रों की उपस्थिति भी अनिवार्य नहीं है और वे ऑनलाइन कक्षा को जारी रखने का विकल्प चुन सकते हैं.
आपको बता दें कि देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को मार्च के मध्य में बंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के उपायों के तहत देशभर में शिक्षण संस्थान बंद करने की घोषणा की थी. उसके बाद, 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया. सरकार ने 8 जून से ‘अनलॉक’ के तहत धीरे-धीरे प्रतिबंधों को कम करना शुरू कर दिया.
कर्नाटक में लगभग नौ महीने के बाद शुक्रवार को विद्यालयों और प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों (पीयूसी) को कोविड-19 संबंधी सुरक्षा नियमों के साथ विद्यार्थियों के लिए खोला गया. दसवीं और 12वीं (प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज) के विद्यार्थियों के लिए शुक्रवार से कक्षाएं शुरू हो गईं. इन दोनों ही कक्षाओं के विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा देंगे. छठी से लेकर नौवीं कक्षाओं के बच्चे विद्यागम कार्यक्रम के लिए विद्यालय परिसरों में पहुंचे हैं.
कोरोना काल में विद्यालयों के खुलने की अनिश्चितताओं के बीच सरकार ने बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. माता-पिता के अनुमति पत्र के साथ बच्चे मास्क लगाए हुए विद्यालयों और पीयूसी पहुंचे तथा थर्मल जांच और हाथों में सैनिटाइजर लगाने के बाद वे कक्षाओं में गये. कक्षाओं के भीतर भी विद्यार्थी सामाजिक दूरी नियमों का पालन करते हुए बैठे देखे गए.
खबरों के मुताबिक शुक्रवार को साल का पहला दिन होने की वजह से भी सभी विद्यार्थी विद्यालय नहीं आए थे. महामारी के बीच विद्यालयों एवं पीयूसी को खोलने को लेकर राज्य में कुछ विरोध भी है जबकि शिक्षा मंत्री समेत कई और लोगों का विचार है कि सुरक्षा कदमों के साथ विद्यालयों और कॉलेजों का खोला जाना खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में जरूरी हो गया था क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा ज्यादातर नदारद है जिससे उनके मजदूरी करने के मामले भी सामने आए हैं.
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल में इस साल न तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षाएं होंगी, न ही स्कूल खुलेंगे. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि माध्यमिक (10वीं बोर्ड) और उच्च माध्यमिक (12वीं बोर्ड) की परीक्षाएं जून में आयोजित की जायेंगी. हालांकि, इसकी तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गयी है.
Posted By : Amitabh Kumar