कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में पिछले महीने नौ हजार से अधिक बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे, बावजूद इसके प्रशासन ने इस स्थिति को अलार्मिंग नहीं बताया है. जिला प्रशासन का कहना है कि जो बच्चे कोरोना पॉजिटिव हैं उनमें से 95 प्रतिशत बच्चे एसिम्पटोमेटिक हैं.
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर राजेंद्र भोंसले ने कहा कि मई में 9,928 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. उनमें से छह हजार सात सौ बच्चे 11-18 साल के थे, तीन हजार एक सौ बच्चे एक से 10 साल के थे और कुछ बच्चे एक साल से कम के थे. चूंकि इन बच्चों में 95 प्रतिशत में कोरोना के लक्षण नहीं थे इसलिए ये घबराने वाली बात नहीं थी, कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए हमें बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है.
वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए डॉ मानसी मनोहर ने कहा कि अभी 52 बच्चे जो कोरोना पॉजिटिव थे उनका इलाज कोविड सेंटर में चल रहा है. इन बच्चों में माइल्ड लक्षण थे और इनमें से किसी भी स्थिति गंभीर नहीं है. हालांकि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण प्रशासन ने कई और कोविड सेंटर बनवाये हैं जहां आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा है.
राज्य के हेल्थ सर्विलांस आफिसर प्रदीप आवटे ने कहा कि महाराष्ट्र के कई और जिलों में कोरोना के मामले बच्चों में देखे जा रहे हैं. चूंकि हम 18 साल तक के लोगों को वैक्सीन दे रहे हैं इसलिए उससे कम के लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. इन बच्चों में से अधिकतर को उनके माता-पिता या घर के किसी अन्य सदस्य से ही संक्रमण हुआ.
चूंकि कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे संक्रमित तो हुए पर उनपर कोरोना वायरस का प्रभाव उतना नहीं हुआ इसलिए अभी तो स्थिति अलार्मिंग नहीं है, लेकिन कोरोना के थर्ड वेव को लेकर तैयारी की जा रही है.
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कल स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी कहा गया है कि बच्चों में कोरोना के लक्षण अभी बहुत खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर वायरस ने अपना व्यवहार बदला तो परेशानी हो सकती है. ऐसे में सरकारों को इस बात की तैयारी जरूर करके रखी चाहिए कि अगर बच्चे बीमार हुए तो उन्हें सही इलाज मिले और वे स्वस्थ हो जायें.
Posted By : Rajneesh Anand