सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक V का उत्पादन करने की अनुमित मिल गयी है. इससे पहले स्पुतनिक वी की जांच, परीक्षण और स्पूतनिक V के टीके का उत्पादन करने के लिए एसआईआई ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को आवेदन दिया था. आवेदन करने के कुछ दिनों बाद ही ही अनुमति मिल गयी है.
सूत्रों के मुताबिक स्पूतनिक वी के उत्पादन शुरु करने में सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया को छह महीने का समय लग सकता है. क्योंकि फिलहाल सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड और कोवैक्स का उत्पादन करने में फोकस कर रहा है.
स्पूतनिक V कोरोना वैक्सीन निर्माण परीक्षण और विश्लेषण के लिए एसआईआई को हडसपर लाइसेंस सुविधा प्राप्त है. डीजीसीआई ने इन्हीं सुविधाओं में कुछ शर्तों से साथ अनुमति दी है. एसआईआई ने लाइसेंस प्राप्त हडसपर सुविधा में स्पूतनिक वी के निर्माण के लिए रूस में गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी, मॉस्को के साथ सहयोग किया है.
इससे पहले मई महीने में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) को हैदराबाद में 150,000 स्पुतनिक वी खुराक की पहली खेप मिली थी. संभावना है कि स्पूतनिक वी और भी खेप भारत आ सकती है. हालांकि घरेलू उत्पादन शुरू होने के बाद स्पुतनिक वी की उपलब्धता देश में तेजी से बढ़ सकती है, क्योंकि आरडीआईएफ ने कई भारतीय कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
साथ ही हेटेरो बायोफार्मा ने नवंबर 2020 में स्पुतनिक वी की 100 मिलियन खुराक के निर्माण के लिए आरडीआईएफ के साथ करार किया है. आरडीआईएफ ने पैनासिया बायोटेक से 100 मिलियन खुराक के लिए, ग्लैंड फार्मा से 252 मिलियन खुराक के लिए, विरचो बायोटेक से 200 मिलियन खुराक के लिए , स्टेलिस बायोफार्मा से 200 मिलियन खुराक के लिए और शिल्पा बायोलॉजिकल से 100 मिलियन खुराक के लिए करार किया है. इससे स्पूतनिक वी का उत्पादन 952 मिलियन से अधिक खुराक प्रतिवर्ष हो जाएगा.
Posted By: Pawan Singh