महाराष्ट्र में रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार समेत कुछ नेताओं के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल होने के कदम ने 1978 में हुए उस राजनीतिक घटनाक्रम की यादें ताजा कर दी, जब शरद पवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंत दादा पाटिल की सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था.
45 साल पहले कांग्रेस से शरद पवार ने की थी बगावत
शरद पवार लगभग 45 साल पहले कांग्रेस से बगावत करते हुए 40 विधायकों को लेकर अलग हो गए थे, जिसके चलते पाटिल नीत तत्कालीन सरकार गिर गई थी. पवार ने 18 जुलाई 1978 को प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जिसमें कई विपक्षी दल शामिल थे.
महाराष्ट्र में पहली बार होंगे दो उप मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद ऐसा पहली बार है, जब राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस भी महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं.
अजित पवार ने पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली
अजित पवार ने रविवार को पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि उनके आठ सहयोगियों को एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया गया. शिंदे ने पिछले साल 30 जून को भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से सरकार बनाई थी, जिसके वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
नासिक राव तिरपुडे महाराष्ट्र के पहले उपमुख्यमंत्री
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रत्नाकर महाजन ने कहा कि महाराष्ट्र में पहली बार उपमुख्यमंत्री पद तब बनाया गया था, जब राज्य में कांग्रेस (ओ) और कांग्रेस (इंदिरा) की सरकार थी. वसंतदादा पाटिल कांग्रेस (ओ) से मुख्यमंत्री थे और नासिक राव तिरपुडे पांच मार्च 1978 से उस वर्ष 18 जुलाई तक राज्य के पहले उपमुख्यमंत्री रहे थे. इसके अलावा, अलग-अलग सरकारों के कार्यकाल में कई अन्य नेता उपमुख्यमंत्री रहे. हालांकि, यह पहली बार है जब महाराष्ट्र में दो उपमुख्यमंत्री हैं.