Maharashtra Election: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार के बैग की रविवार 17 नवंबर की सुबह महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती हेलीपैड पर चुनाव कर्मियों ने जांच की. उनके सहयोगी ने बताया, “जब पवार साहब सोलापुर में करमाला चुनावी रैली के लिए जा रहे थे, तो बारामती हेलीपैड पर उनके बैग की जांच की गई. उचित जांच के बाद वे हेलीकॉप्टर में सवार हुए और रैली के लिए रवाना हो गए.”
बैग और हेलीकॉप्टर की जांच ने राज्य में चुनाव निगरानी की सख्ती पर चर्चाओं को जन्म दिया है, क्योंकि चुनाव आयोग 20 नवंबर को होने वाले चुनावों से पहले सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों को तेज कर रहा है. प्रमुख राजनीतिक नेताओं की जांच केवल शरद पवार तक ही सीमित नहीं थी. शनिवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की भी महाराष्ट्र के अमरावती में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने जांच की. इसी तरह, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के बैग की नासिक में जांच की गई. ये जांच चुनावी प्रक्रिया में अवैध धन और प्रभाव के इस्तेमाल को रोकने के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं.
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इससे पहले, शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बैग की भी हिंगोली में उनकी चुनावी रैली से पहले जांच की गई थी. जांच पर प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने चुनाव आयोग की कार्रवाई के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, “चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने वाले नेताओं के बैग की जांच कर रहा है. भाजपा निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ चुनाव प्रणाली में विश्वास करती है और माननीय चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करती है.”
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बैग और हेलीकॉप्टर सहित ये जांच चुनाव प्रक्रिया के दौरान समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए की जाती है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस तरह की जांच नियमित होती है और राजनीतिक नेताओं के आचरण की निगरानी और संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का हिस्सा होती है.
हेलीकॉप्टर की जांच का मुद्दा महीने की शुरुआत में विवाद का विषय बन गया था, खासकर 11 नवंबर को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बैग की जांच के बाद. उस समय ठाकरे की चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक हुई थी और उसके तुरंत बाद लातूर में उनके बैग की फिर से जांच की गई थी. पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य प्रमुख नेताओं पर भी इसी तरह की जांच की गई है.
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