कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर ने रेलवे में वेटिंग लिस्ट की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कन्फर्म टिकट सिर्फ नसीब की बात नहीं, बल्कि एक सामान्य सुविधा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि वंदे भारत एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन सिर्फ इसी पर पूरा ध्यान केंद्रित करना चिंताजनक है. तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने उस खबर का हवाला दिया जिसमें एक आरटीआई (RTI) के हवाले से कहा गया है कि वर्ष 2022-23 के दौरान वेटिंग लिस्ट के चलते 2.7 करोड़ यात्री टिकट खरीदने के बावजूद यात्रा नहीं कर सके. उनका कहना है कि एक चलन बन गया है कि हर साल उसके पिछले साल का रिकॉर्ड टूट रहा है.
शशि थरूर ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर मामले की गंभीरता पर बात करते हुए लिखा कि- भारतीय रेलवे में लंबी वेटिंग लिस्ट कब समाप्त होने जा रही है? 2.7 करोड़ वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को कन्फर्म सीट से वंचित करने के साथ, इस वर्ष सबसे बड़ी संख्या में टिकट रजिस्टर किए गए जो वेटिंग लिस्ट में बने रहे, इससे पहले कि वे स्वचालित रूप से रद्द हो गए.
1/2 When are the long waitlists in the Indian Railways going to end? With 2.7 crore waitlisted passengers denied a confirmed seat, the year registered the largest number of tickets that remained waitlisted before they were automatically cancelled. https://t.co/NGY2Zo37C8
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 30, 2023
शशि थरूर ने कहा- वंदे भारत चलाने का स्वागत है, लेकिन इसी पर पूरा ध्यान लगा देना चिंता की बात है. आजादी के 75 साल बाद भी, एक कन्फर्म रेल बर्थ नसीब की बात नहीं होनी चाहिए, बल्कि एक सामान्य सुविधा होनी चाहिए. (भाषा इनपुट के साथ)