कभी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मुखर आलोचक रही JNU की पूर्व छात्रा और मानवाधिकार कार्यकर्ता शहला रशीद के बोल अचानक बदल गये हैं. उन्होंने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने के बाद शहला ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी. उन्होंने सेना पर गंभीर आरोप भी लगाये थे. उस समय शहला ने दावा किया था कि सेना लोगों के घरों के अंदर घुस रही है. लोगों को परेशान किया जा रहा और उनके साथ मारपीट की जा रही है. हालांकि करीब चार के बाद उनके विचार बदल गये हैं.
कश्मीर पर शहला ने की मोदी सरकार की तारीफ
जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शहला रशीद ने 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर की बदलती तस्वीर को लेकर लिखा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, इस बात को स्वीकार करना भले ही असुविधाजनक हो, लेकिन कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है. नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के स्पष्ट रुख ने कुल मिलाकर जीवन बचाने में मदद की है. यही मेरा दृष्टिकोण है.
शहला ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी के भाई रईस मट्टू का वीडिया किया शेयर
शहला रशीद ने मोदी सरकार की तारीफ में ट्वीट करने के साथ हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी के भाई रईस मट्टू का एक वीडियो भी शेयर किया. जिसमें मट्टू ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में उसने भारतीय तिरंगा फहराने की बात कही थी और उसने जम्मू-कश्मीर में विकास लाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ की थी. दरअसल रईस मट्टू आतंकवादी जावेद मट्टू का भाई है, जिसे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की सूची में टॉप पर है.
However inconvenient it may be to admit this, the human rights record in Kashmir has improved under the @narendramodi government and @OfficeOfLGJandK administration. By a purely utilitarian calculus, the govt's clear stance has helped save lives overall. That's my angle. https://t.co/O6zpqHBOwT
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) August 15, 2023
रईस मट्टू ने वीडियो में क्या कहा
दरअसल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रईस मट्टू ने अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराया था. जब एएनआई ने उनसे बात की तो उसने कहा, मैंने दिल से तिरंगा लहराया. किसी का कोई दबाव नहीं था…सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसके ये गुलिस्तां हमारा. उसने आगे कहा, कश्मीर में विकास हो रहा है. पहली बार मैं अपने यहां बैठा हूं. 14 अगस्त को दुकान, 2-3 दिन बंद रहती थी. पिछली राजनीतिक पार्टियां खेल खेल रही थीं. मेरा भाई 2009 में (आतंकवादी) बन गया, उसके बाद हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते… यदि वह जीवित हैं, तो मैं उनसे वापस आने का आग्रह करता हूं…स्थिति बदल गई है, पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता…हम हिंदुस्तानी हैं, हैं और रहेंगे.
टुकड़े-टुकड़े नारे से चर्चा में आयीं थी शहला रशीद
शहला रशीद उस समय चर्चा में आयी थी, जब 2016 में जेएनयू में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाये गये थे. उस मामने में मौजूदा कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया था. उसी मामले के बाद शहला रशीद सुर्खियों में आयी थी. रशीद ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. रशीद कई टीवी चैनलों में छात्र अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में चर्चा करती नजर आयीं थीं.
शहला के ट्वीट पर हुआ था राजद्रोह का केस
5 अगस्त 2019 को जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की घोषणा की थी. जब उस समय शहला रशीद ने मोदी सरकार के फैसले के विरोध में एक के बाद एक कई ट्वीट किये थे. जिसमें उसने आरोप लगाया था कि लोगों को आतंकित और परेशान किया जा रहा है. सेना के जवान लोगों के घर में घुस रहे हैं. लोगों के साथ मारपीट की जा रही है. रशीद के इस ट्वीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने केस दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि देश में हिंसा भड़काने के मकसद से इस ट्वीट को जानबूझ कर किया गया है. इस मामले में शहला पर बाद में देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था.