नयी दिल्लीः पंजाब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ललकार के बाद शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) नयी दिल्ली में शुक्रवार (17 सितंबर) को ‘ब्लैक फ्राईडे प्रोटेस्ट मार्च’ (Black Friday Protest March) निकालेगा. पीएम मोदी सरकार की ओर से संसद से पारित कराये गये तीन कृषि कानूनों (Farm Laws 2020) के एक साल पूरा होने के मौके पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई में कृषि कानूनों के खिलाफ यह मार्च निकाला जायेगा.
संसद से पास किये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध (Protest Against Farm Laws) में गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से संसद भवन तक पार्टी के नेता और कार्यकर्ता किसानों के साथ मार्च करेंगे. इस मार्च की अगुवाई पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) और उनकी पत्नी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कैबिनेट में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहीं हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur) बादल करेंगी.
Shiromani Akali Dal to organise a 'Black Friday Protest March' tomorrow from Gurdwara Rakab Ganj Sahib to the Parliament building to mark one year of the three farm laws. The protest march will be led by party chief Sukhbir Singh Badal and leader Harsimrat Kaur Badal.
(File pic) pic.twitter.com/NKQD0XKIrW
— ANI (@ANI) September 16, 2021
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022) से पहले मोदी सरकार (PM Narendra Modi) के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली और हरियाणा में जबर्दस्त प्रदर्शन चल रहा है. दिल्ली की उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमा से सटे बॉर्डरों पर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों ने 9 महीने से डेरा डाल रखा है.
किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में चल रहे आंदोलन ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. दिल्ली की सीमा पर किसानों की नाकेबंदी को कांग्रेस का खुला समर्थन प्राप्त है, तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में आंदोलन कर रहे किसानों को दिल्ली और हरियाणा में जाकर प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे हैं. पूर्व क्रिकेटर और पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को शिरोमणि अकाली दल (बादल) पर जमकर हमला बोला था.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने जब तीन ‘काला कानून’ पास किया था, उस वक्त हरसिमत कौर बादल कैबिनेट मंत्री थीं. शिरोमणि अकाली दल ने तब इन 3 कृषि कानूनों का संसद में विरोध नहीं किया. इसलिए अकाली दल के नेता अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते.
Also Read: किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी सरकार ने बढ़ायी गेहूं और रबी फसलों की एमएसपी
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि कृषि कानूनों के खिलाफ जब पंजाब के किसानों ने आंदोलन शुरू किया, तो हरसिमरत कौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. साथ ही एनडीए सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया था.
Posted By: Mithilesh Jha