Shivraj Singh Chouhan: राज्यसभा में केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के जवाब के समय काफी हंगामा हुआ. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बार-बार के आग्रह के बाद भी जब कांग्रेस की ओर से हंगामा होता रहा, तो सभापति ने रणदीप सिंह सुरजेवाला पर काफी गुस्सा हो गये. हंगामा के बीच ही कांग्रेस ने सदन का बहिष्कार किया, जिस पर सभापति ने टिप्पणी करते हुये कहा कि किसानों के मु्द्दे पर चर्चा के समय विपक्ष के हंगामे की वह निंदा करते हैं. अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस पर जमकर हमला किया. कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के दिल में कभी किसान नहीं रहे. लाल किले की प्राचीर से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने किसान कल्याण और कृषि विकास पर ज्यादा चर्चाएं नहीं की, ज्यादातर साल तो नाम भी नहीं लिए. विपक्ष की ओर से लगातार हंगामे पर कृषि मंत्री ने कहा, “मुझे छेड़ो मत, छेड़ोगे, तो छोड़ूगा नहीं”. उसके बाद उन्होंने कांग्रेस के शासन काल में किसानों पर चली गोली की बात की याद दिलाते हुये कहा कि जब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी, तो 23 किसानों की जान चली गयी. 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर किसानों पर गोलियां चलायी गयी.1988 में मेरठ में किसानों पर फायरिंग की गयी. 1995 में हरियाणा में गोली चली जिसमें किसानों की मौत हुई. राहुल गांधी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता कैमरामैन के साथ खेत में रील बनाने जाते हैं, लेकिन उनको यह नहीं पता कि खेत में करना क्या है? वहां जाकर वह कैमरामैन से पूछते हैं कि यहां पर करना क्या है? तो किसानों के हितैषी का दिखावा करने वाले नेताओं का यही चरित्र है.
प्राकृतिक खेती प्रधानमंत्री का विजन
कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि मिशन हमारी सरकार का लक्ष्य है. मोदी जी के नेतृत्व में कृषि निर्यात लगातार बढ़ रहा है. हमारे विजन से किसानों को डिजिटल आइडेंटिटी दी जा रही है, सरकार मिशन के तौर पर काम कर रही है. फसलों के विविधीकरण पर काम किया जा रहा है. उन्होंने सभी सांसदों से अनुरोध कर कहा कि वह एक बार कृषि विज्ञान केंद्र जरूर जाये. लैब रिसर्च को लैंड तक ले जाना हमारा विजन है. वन हेल्थ अप्रोच पर हम काम कर रहे है, जो मानव पशु पौधे और पर्यावरण स्वास्थ्य के परस्पर संबंध को उजागर करता है.
बीज की 1500 से ज्यादा नयी किस्म तैयार
शिवराज सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय बीज की 1500 से ज्यादा नयी किस्म तैयार कर रहा हैं. 18 हजार करोड़ रुपए के निवेश के साथ 100 एक्सपोर्ट ओरिएंटेड बागवानी क्लस्टर विकसित किये जायेंगे. आधुनिक पोस्ट हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व निवेश कर रहे है. ई नाम 2.0 का शुभारंभ और अतिरिक्त 1500 मंडियों के एकीकरण का काम किया जा रहा है. 6,800 करोड़ रुपए के निवेश के साथ हम तिलहन मिशन की शुरुआत कर आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
जलवायु अनुकूल ग्राम विकसित करना
बहुआयामी अप्रोच के माध्यम से बीज क्षेत्र के विकास पर जोर दिया जा रहा है. 50 हजार गांवों को जलवायु अनुकूल ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए हम साहसिक पहल करने जा रहे हैं. सूक्ष्म सिंचाई के तहत एक करोड़ 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने की योजना पर काम किया जायेगा.सरकार की ओर से अगले दो वर्षों में 200 जिलों में मौजूद फसल प्रणाली में 2500 पारंपरिक किस्म को वापस लाने पर बल दिया जा रहा है. अगले 5 वर्षों में आदर्श दलहन और तिलहन गांव के विकास पर हरी सरकार काम करेगी. सरकार का लक्ष्य है कि हम दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करें, जिसके लिये मिशन मोड में जलवायु अनुकूल कृषि पर काम किया जा रहा है.