Sikkim Assembly election 2024 results : सिक्किम विधानसभा चुनाव के रिजल्ट का यदि आप इंतजार कर रहे हैं तो यह खबर सुनकर आप चौंक जाएंगे. जी हां…मतगणना के शुरुआती रुझानों के अनुसार सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) कुल 32 सीट में से 31 पर आगे चल रही है, जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) का उम्मीदवार केवल एक सीट पर आगे चल रहा है. इस प्रचंड जीत का श्रेय सिक्किम के मुख्मयंत्री और एसकेएम सुप्रीमो पीएस तमांग यानी प्रेम सिंह तमांग के सिर सजाया जा रहा है जिन्होंने रहेनोक विधानसभा सीट से एसडीएफ उम्मीदवार सोमनाथ पौडयाल को 7,044 वोटों से पटखनी दी है. आइए जानते हैं तमांग के बारे में कुछ खास बातें
कौन हैं प्रेम सिंह तमांग
यदि उपरोक्त रुझान नतीजों में बदलते हैं तो एसकेएम के हौसले और बुलंद होंगे और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेते नजर आएंगे. नेपाली भाषी माता-पिता कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के पुत्र प्रेम सिंह तमांग हैं जिनका जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ. तमांग ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई की और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में सेवा प्रारंभ की. तमांग के मन में समाज सेवा का भाव था, इसलिए उन्होंने तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ने का फैसला लिया. इसके बाद एसडीएफ में शामिल हो गए.
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प्रेम सिंह तमांग की तीन दशक की राजनीतिक यात्रा की बात करें तो यह काफी काफी उतार चढ़ाव वाला रहा. वह 1994 से लगातार 5 बार सिक्किम विधानसभा पहुंचे और जनता के लिए आवाज उठाई. उन्होंने 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के रूप में सेवा दी. एसडीएफ सरकार के चौथे कार्यकाल (2009-14) के दौरान कुछ ऐसी बातें हुई जिसकी वजह से तमांग को पार्टी छोड़नी पड़ी. दरअसल, चामलिंग ने उन्हें मंत्री पद देने से इनकार कर दिया था, इसके बाद तमांग ने अपनी पार्टी बनाई. उन्होंने एसडीएफ के सभी पदों को त्यागकर और एसकेएम प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.
प्रेम सिंह तमांग ने बनाई अपनी पार्टी
प्रेम सिंह तमांग ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत की और 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का गठन किया. उन्होंने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था और लगातार सरकार पर हमलावर रहे. इसका परिणाम यह हुआ कि साल 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बाद पार्टी के समर्थन में लोग जुटते गए और तमांग आगे बढ़ते गए.