रूही सुल्ताना कश्मीर के श्रीनगर में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका हैं, जो बच्चों को पढ़ाते समय ‘प्ले-वे पद्धति’ का उपयोग करने में विश्वास करती हैं. कभी-कभी वह अपने छात्रों के साथ मजेदार शिल्प बनाने के लिए बेकार सामग्री भी इकट्ठा करती है. एएनआई ने बताया कि उनके नए प्रयासों को आखिरकार स्वीकार कर लिया गया है क्योंकि सुल्ताना को शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 के लिए चुना गया है. वह 5 सितंबर को पुरस्कार प्राप्त करेगी. इस साल, उसे 47 अन्य शिक्षकों के साथ चुना गया है, जो देश भर के स्कूलों में नए तरीकों का उपयोग कर पढ़ा रहे हैं.
सुल्ताना “लो कॉस्ट-नो कॉस्ट ” शिक्षण विधि में विश्वास रखती हैं. उनके अधिकांश छात्र जम्मू और कश्मीर में बकरवाल और गुर्जर समुदायों के गरीब परिवारों से हैं.
Roohi Sultana, a government school teacher from Srinagar, J&K, to be conferred with National Award for Teachers 2020 by Ministry of Education, on Sept 5. She says, "I am really happy to receive this award. I will continue to work towards the education of children." pic.twitter.com/DSO9K1tSTd
— ANI (@ANI) August 31, 2020
सुल्ताना, जो श्रीनगर के नोहशेरा इलाके से है, के पास उर्दू और कश्मीरी भाषाओं में उस्ताद हैं. इसके अलावा, उसके पास B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) और सुलेख में डिग्री भी है. सुल्ताना ने एएनआई को बताया कि वह हमेशा एक शिक्षक बनना चाहती थी. उन्होंने कहा कि जब मैं अपने छात्रों को प्रेरित करता हूं तो मुझे खुशी होती है. वह वर्तमान में गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल डेंजर पोरा, टेलबल श्रीनगर में काम कर रही हैं.
सुहेल भट, सुल्ताना के पति ने भी अपनी पत्नी को भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की ख़बर पर खुशी जताई.
यह पुरस्कार 5 सितंबर (शिक्षक दिवस) पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा दिया जाएगा. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है.