कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लॉकडाउन के बाद 25 हजार पहुंचने वाला है. अभी कुल मरीजों की संख्या 24506 है . कल स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए कहा था कि अगर देश में लॉकडाउन नहीं होता तो मरीजों की संख्या एक लाख के ऊपर होती. अगर इस दावे को सच माना जाये, तो हम यह कहने की स्थिति में हैं कि भारत ने कोरोना वायरस पर रोक लगा ली है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जब देश में लॉकडाउन लगा था, यानी 24 मार्च की रात को देश में 519 कोरोना मरीज थे, लेकिन आज जबकि देश में लॉकडाउन को एक माह से अधिक हो चुका है कोरोना मरीजों की संख्या 24,506 है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कल जो आंकड़े दिये गये वे काफी सुखद थे.
मरीजों की संख्या 10 दिनों में हो रही है दुगुनी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है. पहले मामले तीन दिन में डबल हो रहे थे लेकिन अब यह 10 दिन में डबल रहे हैं. ‘एम्पावर्ड ग्रुप वन’ के अध्यक्ष एवं नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल का कहना है कि देश में लॉकडाउन का फैसला ‘‘समय रहते उठाया गया एक लाभदायक कदम” साबित हुआ और देश में कोविड-19 मामलों की रफ्तार में आया बदलाव इसकी पुष्टि करता है. उन्होंने कहा, ‘‘अब यह ग्राफ समतल होना शुरू हो गया है. अगर हमने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया होता तो अनुमान के मुताबिक अब तक कोविड-19 के करीब एक लाख मामले होते. अब महामारी का प्रकोप काबू में है.” भारत में लॉकडाउन के एक माह पूरे होने पर अब देश में कोविड-19 के 23,452 मामले हैं. वहीं विश्वभर में इससे 27.3 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 1.91 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. ‘श्री गंगा राम अस्पताल’ में फेफड़ों के सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि एक महीने का लॉकडाउन भारत के लिए काफी फायदेमंद रहा और देश अमेरिका या यूरोप जैसी स्थिति में पहुंचने से भी बच गया.
रिकवरी रेट हुई 20.57 प्रतिशत
भारत में कोरोना के खिलाफ जंग में जो खास चीज नजर आती है, वो है रिकवरी रेट. भारत में अबतक कुल 5063 लोग स्वस्थ हुए हैं . स्वास्थ्य विभाग के अनुसार करीब 20.57 प्रतिशत संक्रमित रोगी इससे उबर भी चुके हैं. देश में जांच के मामलों में वृद्धि होने के बावजूद संक्रमण के मामलों का अनुपात नहीं बढ़ा है. 28 दिन में 15 जिलों में कोई नया मामला नहीं आया है जहां पहले मामले आये थे. वहीं 23 राज्यों के 80 जिले ऐसे हैं जिनमें बीते 14 दिन में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है.
यह तमाम आंकड़े इस बात के सूचक हैं कि भारत में कोरोना का स्वरूप उतना भयावह नहीं हो सका है, जैसा कि विदेशों में हुआ है. भारत ने समय रहते स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की है. अभी भारत में लॉकडाउन है, लॉकडाउन खुलने के बाद संक्रमण फैलने का खतरा है, जैसा कि चीन में दिख रहा है जहां कोरोना की वापसी हुई है और कई नये मामले सामने आये हैं. फिर भी यह उम्मीद की जा सकती है कि जिस तरह हमने अभी तक कोरोना पर लगाम कसी है, वो आगे भी जारी रहेगा.