जम्मू : जम्मू-कश्मीर में माहौल बिगाड़ने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों को अब चीन के हथियार मिलने लगे हैं. सेना की सतर्कता के कारण कश्मीर में छिपे आतंकियों तक हथियार सप्लाई करनेवाली चेन टूट गयी थी, लेकिन पाकिस्तान ने फिर से चीन निर्मित हथियारों को भेजने में जुटा है. सुरक्षा एजेंसियों को इससे संबंधित इनपुट मिले हैं.
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अब चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकियों को हथियार भेजने में मदद कर रहा है. इससे पहले भी प्रदेश में आतंकियों से बरामद होनेवाले कई हथियार चीन से निर्मित पाये गये हैं. यही नहीं, सीमा पार से ड्रोन के जरिये हथियारों को भेजने का तरीका भी चीन का ही है. चीन की ओर से ड्रोन तकनीक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को बतायी गयी. आईएसआई ने ही ड्रोन के जरिये पंजाब और जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग क्षेत्रों में हथियार भेजे.
सुरक्षा बलों ने पिछले दिनों जो हथियार बरामद किये, उन सब पर चीन की मुहर है. सूत्रों के अनुसार, चीन ने आईएसआई पर सर्दी आने से पहले बड़े स्तर पर आतंकियों और हथियारों को कश्मीर भेजने का दबाव बनाया है. चीन की पाक आईएसआई को दी गयी इस चेतावनी की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को कई खुफिया एजेंसियों ने दी है. यही कारण है कि हाल ही में सेना प्रमुख और बीएसएफ प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर की एलओसी और बॉर्डर का दौरा भी किया.
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि जम्मू के अखनूर, हीरानगर, पुंछ आदि क्षेत्र में ड्रोन से भेजे गये हथियारों में चीन निर्मित हथियार भी शामिल हैं. कश्मीर में मारे जानेवाले आतंकियों के पास से भी चीन निर्मित हथियार बरामद हुए हैं. दो संदिग्धों को चीन के हथियार के साथ पकड़ा गया. सुरक्षा बलों ने आतंकियों से चीन की नोरीको कंपनी की 97 एनएसआर राइफल बरामद की है, जो चीन के सैनिक इस्तेमाल करते हैं. 14 सितंबर को गुरेज में जिन आतंकियों को घुसपैठ करते मार गिराया गया, इनके पास से भी चीन निर्मित राइफल मिली थी.