Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ ही फैसले देना नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस समूह की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में CJI ने सोमवार 4 नवंबर को कहा कि कुछ दबाव ग्रुप हैं जो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल यानी सहारा लेकर अदालतों पर दबाव डालकर अनुकूल फैसले लेने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, ‘‘परंपरागत रूप से, न्यायिक स्वतंत्रता को कार्यपालिका से स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया गया है. न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ अब भी सरकार से स्वतंत्रता है. लेकिन न्यायिक स्वतंत्रता के संदर्भ में यह एकमात्र चीज नहीं है.’’
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सोशल मीडिया से बदला समाज- CJI
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘हमारा समाज बदल चुका है. विशेष रूप से सोशल मीडिया के आने के बाद, आप हित समूह, दबाव समूह और ऐसे समूहों को देखते हैं जो अनुकूल फैसले लेने के लिए अदालतों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं.’’ जानकारी के लिए बता दें कि डी वाई चंद्रचूड़ इस महीने की 10 तारीख को मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो रहे हैं.
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CJI आगे कहते हैं, ‘‘अगर आप मेरे पक्ष में फैसला नहीं करेंगे, तो आप स्वतंत्र नहीं हैं. इसी बात से मुझे आपत्ति है. स्वतंत्र होने के लिए, एक न्यायाधीश को यह फैसले लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि उनकी अंतरात्मा उन्हें क्या कहती है, निश्चित रूप से, अंतरात्मा जो कहती है वह कानून और संविधान द्वारा निर्देशित है.’’ मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि जब उन्होंने सरकार के खिलाफ फैसला सुनाते हुए चुनावी बांड रद्द कर दिया तो उन्हें स्वतंत्र कहा गया.