नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती वाली एक पत्रकार की याचिका पर सुनवाई के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने पत्रकार साकेत गोखले की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया और इस याचिका को सीएए को चुनौती देने वाली 160 अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया. इन याचिकाओं पर इसी माह सुनवाई होनी है.
अदालत ने 22 जनवरी को 143 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट कर दिया था कि सीएए के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगायी जाएगी और अदालत ने सरकार से चार सप्ताह में याचिकाओं पर जवाब मांगा था. अदालत ने कहा था कि त्रिपुरा और असम से संबंधित याचिकाएं तथा नियम तैयार हुये बगैर ही सीएए को लागू कर रहे उत्तर प्रदेश से संबंधित मामलों पर अलग से विचार किया जा सकता है.
पीठ ने कहा कि सीएए को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई के तरीके के बारे में निर्णय करने के लिए अदालत कुछ याचिकाओं को चेंबर में सुनेगा और इसके चार सप्ताह बाद अदालत रोजाना सुनवाई कर सकती है. सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अनेक याचिकाएं दायर की गयी हैं.
याचिका दायर करने वालों में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, राजद नेता मनोज झा, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं. आईयूएमएल ने अपनी याचिका में कहा था कि सीएए समता के अधिकार का उल्लंघन करता है और इसका मकसद धर्म के आधार पर एक वर्ग को अलग रखते हुये अन्य गैरकानूनी शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करना है.