VVPAT: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों की वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं. सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी से पूर्ण पुन:सत्यापन कराने संबंधी याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया और याचिकाएं खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि ईवीएम के माध्यम से डाले गए वोटों का वीवीपीएटी से पुन: पूर्ण सत्यापन कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सहमति वाले दो फैसले हैं. मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ सद्भावना बनाना है और मतदान प्रक्रिया पर आंख मूंदकर अविश्वास करना अनुचित संदेह को जन्म दे सकता है.
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ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति से दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से मतदान की वापसी की याचिका की प्रार्थना भी खारिज करने का काम किया. न्यायमूर्ति खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें दोबारा मतपत्रों से चुनाव कराने की प्रकिया पुन: अपनाने का अनुरोध करने वाली याचिका भी शामिल है.
क्या है वीवीपीएटी जानें
वीवीपीएटी की बात करें तो ये एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है. इसके जरिए वोट देने वाला यह जान सकता है कि उनका वोट उसी व्यक्ति को गया है या नहीं, जिसे उसके द्वारा वोट दिया गया है.
कैसे करता है काम
वोटिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए इस प्रणाली को यूज में लाया गया. ये मशीन EVM से कनेक्ट नजर आती है. जैसे ही मतदाता वोट डालता है, वैसे ही एक पर्ची निकलती है. इस पर्ची की बात करें तो इसमें उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिन्ह होता है, जिसे उसने अपना कीमती वोट दिया है.