सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिनेमा हॉल को थिएटर के अंदर खाने-पीने की चीजों की बिक्री में अपने नियम और शर्तें तय करने की पूरी आजादी है. कोर्ट का कहना है कि एक फिल्म देखने वाले के पास सिनेमाघरों के अंदर परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों का सेवन नहीं करने का विकल्प होता है. इसलिए अगर सिनेमा हॉल प्रबंधन बाहर से खाने पीने की चीजों को ले जाने पर प्रतिबंध लगाता है तो वो इसकी हकदार है.
हॉल के अंदर नियम बनाने का प्रबंधन हकदार: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिनेमा हॉल प्रबंधन के अधीन है. ऐसे में वो सिनेमा हॉल के अंदर खाने-पीने की चीजों के बाहर से लाने से रोकता है तो वो इसका हकदार है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि सिनेमा हॉल के अंदर हॉल प्रबंधन की ही मर्जी चलेगी. बते दें, सुप्रीम कोर्ट ने यह बात जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश पर दाखिल एक याचिका की सुनवाई के दौरान कही है.
मल्टीप्लेक्स में खाना बेचना कॉमर्शियल मामला: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि सिनेमा हॉल प्रबंधन की निजी संपत्ति है. ऐसे में प्रबंधन इस तरह के नियम और शर्तें लागू कर सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि मल्टीप्लेक्स में खाना बेचना व्यावसायिक मामला है.
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का फैसला खारिज: गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट का फैसला खारिज हो गया है. बता दें, अपने फैसले में जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने कहा था कि मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में लोग अपने मन मुताबिक खाने पीने के सामान ले जा सकते हैं. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी.