देश की राजधानी दिल्ली में अब स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ रहा है. 60 दिन में 44 गुना मरीज बढ़े हैं. इस नये खतरे को देखते हुए दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों अलर्ट पर हैं. इसे लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है. कोरोना और स्वाइन फ्लू के लक्षण एक जैसे हैं ऐसे में संक्रमण का पता लगाने में वक्त लगता है. लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या एक बड़ी वजह है कि इस बीमारी को लेकर खतरा बढ़ रहा है.
जुलाई माह तक दिल्ली में दो ही स्वाइन फ्लू के मामले थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर 88 हो चुकी है. इस दौरान किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है. राजधानी दिल्ली में इस बड़े खतरे का खुलासा तब हुआ जब इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) ने एक रिपोर्ट जारी की इस रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों का जिक्र था. यह विभाग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है.
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कोरोना वायरल के बाद लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच स्वाइन फ्लू व गंभीर श्वसन रोग सहित कई बीमारियों के लक्षण हैं. अगर किसी भी मरीज को सांस लेने में परेशानी है तो उसे तुरंत जांच करा लेना चाहिए. इस वक्त हर तरह की बीमारियां आक्रामक तेवर दिखा रही हैं. अस्पतालों में दिल्ली के मरीज तो हैं ही, साथ ही आसपास के क्षेत्रों से भी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं जिनकी हालत काफी गंभीर है. इसके चलते आईसीयू व अन्य वार्डों में मरीजों की संख्या काफी है.
दो महीनों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है. एम्स सहित अलग अलग अस्पतालों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक महीने में स्वाइन फ्लू के मामले और भी अधिक बढ़े हैं. एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग, लोकनायक अस्पताल, मैक्स, अपोलो और फोर्टिस के अलावा आकाश अस्पताल में 31 अक्तूबर तक स्वाइन फ्लू के 120 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं.
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स्वाइन फ्लू के लक्षण दूसरी संक्रमण की बीमारियों की तरह ही हैं. स्वाइन फ्लू के चलते दिल्ली में अभी तक कोई मौत दर्ज नहीं हुई है लेकिन खतरा लगातार बढ़ रहा है. बुखार, सर्दी, सुगंध न आना, बदन दर्द, उल्टी, कमजोरी इत्यादि लक्षण कोरोना, डेंगू या फिर स्वाइन फ्लू होने का संदेह पैदा करते हैं.