अगरतला : त्रिपुरा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कमर कस ली है. मीडिया से बातचीत के दौरान त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बिप्लब कुमार देब ने कहा कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लोकतंत्र का समर्थन करने वाले त्रिपुरा के लोग मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस को करारा जवाब देंगे.
त्रिपुरा के सिपाहीगंज जिले के गोलाघाटी इलाके में भाजपा के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने आरोप लगाया कि माकपा और उसकी गैर-आधिकारिक सहयोगी कांग्रेस ने राज्य में वाम मोर्चा के शासन के दौरान त्रिपुरा के लोगों को छला और अब उन्होंने लोकतंत्र को बहाल करने के नाम पर हाथ मिलाया है. भाजपा नेता बिप्लब कुमार देब ने 27 दिसंबर 2022 को कांग्रेस और माकपा सहित छह विपक्षी दलों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान का जिक्र किया, जिसमें सभी राजनीतिक विचारधारा के लोगों से अंधेरे के शासन को समाप्त करने का आग्रह किया गया था. बिप्लब देब ने दावा किया कि भाजपा ने 2018 के चुनाव से पहले मतदाताओं से किए वादों को पूरा किया है.
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इस बीच, माकपा के वरिष्ठ नेता पबित्रा कार ने देब के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भाजपा के शासन में खतरे में पड़े लोकतंत्र को बहाल करने के लिए एक राजनीतिक गठबंधन के रूप में नहीं, बल्कि आपसी समझ के तहत साथ आए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री माणिक साहा और उनके पूर्ववर्ती बिप्लब कुमार देब सहित सभी भाजपा नेता हमारे प्रयासों से डरे हुए हैं, इसलिए वे इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं. वहीं, त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष गोपाल रॉय ने कहा कि छह राजनीतिक दलों ने संयुक्त बयान जारी कर सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष लोगों से लोकतंत्र पर हमलों का विरोध करने के लिए आगे आने की अपील की है.