अगरतला: त्रिपुरा (Tripura) के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव (Biplab Kumar Deb Resigns) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात करने के बाद बिप्लव कुमार देव ने शनिवार को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्या को अपना इस्तीफा सौंप दिया. माणिक साहा (Manik Saha New CM of Tripura) उनकी जगह त्रिपुरा के नये मुख्यमंत्री होंगे. बताया जा रहा है कि बिप्लव देब त्रिपुरा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाये जा सकते हैं. त्रिपुरा में वर्ष 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं.
Congratulations and best wishes to @DrManikSaha2 ji on being elected as the legislature party leader.
I believe under PM Shri @narendramodi Ji's vision and leadership Tripura will prosper. pic.twitter.com/s0VF1FznWW
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) May 14, 2022
बिप्लव देब ने ट्वीट किया, ‘डॉ माणिक साहा जी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं. मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन और नेतृत्व में त्रिपुरा समृद्ध होगा.’ केंद्रीय मंत्री और त्रिपुरा भाजपा के प्रभारी भूपेंदर यादव ने बताया कि बिप्लव देव के नेतृत्व में त्रिपुरा ने 4 साल में विकास की नयी इबारत लिखी है.
Tripura | A meeting of the legislative party will be held at 8 pm. The new leader will be elected, said Union Minister & BJP central observer, Bhupender Yadav, after Biplab Kumar Deb resigned as the Chief Minister pic.twitter.com/WlxlCeIEQF
— ANI (@ANI) May 14, 2022
बिप्लव कुमार देब ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा. बिप्लव कुमार देब के इस्तीफा के बाद कई तरह की अटकलें लगायी जाने लगीं. हालांकि, निवर्तमान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी का आदेश सर्वोपरि है.
Also Read: VIDEO : देवघर में बोले त्रिपुरा के सीएम बिप्लव कुमार देब, झारखंड में तेजी से हो रहा है विकास
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मजबूत करने के लिए वह काम करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब वह पार्टी को निचले स्तर पर मजबूत करने के लिए काम करेंगे. अब वह पार्टी के एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे और अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार बनाने के लिए काम करेंगे.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की त्रिपुरा में सरकार बनी थी. तब कई दशक पुरानी लेफ्ट फ्रंट की सरकार को भाजपा ने उखाड़ फेंका था. त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की थी. तब सीपीएम 16 सीटों पर सिमट कर रह गयी थी.