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‘आप’ के दो विधायकों को अदालत उठने तक खड़ा रहने की दी गई सजा, पुलिस पर हमला करने वाली भीड़ में थे शामिल

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए ये निर्देश पारित किए. मजिस्ट्रेट अदालत ने सात सितंबर 2022 को दोनों नेताओं को दोषी ठहराया था. अदालत ने जेल की सजा को संशोधित करते हुए मामले में उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली के एक विशेष न्यायाधीश ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को 2015 में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने के लिए ‘अदालत के उठने तक’ की नाममात्र की सजा सोमवार को सुनाई. जिस व्यक्ति को ‘अदालत के उठने’ तक की सजा दी जाती है, उसे दिन की कार्यवाही पूरी होने तक अदालत छोड़ने की अनुमति नहीं होती है.

दोनों विधायकों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए ये निर्देश पारित किए. मजिस्ट्रेट अदालत ने सात सितंबर 2022 को दोनों नेताओं को दोषी ठहराया था. हालांकि, न्यायाधीश ने अखिलेशपति त्रिपाठी को सुनाई गई छह महीने की और संजीव झा को सुनाई गई तीन महीने की जेल की सजा में बदलाव किया. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने पांच जनवरी, 2023 को उन्हें जेल की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही, अदालत ने जेल की सजा को संशोधित करते हुए मामले में उन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

बुराड़ी और मॉडल टाउन के विधायकों को मिली सजा

न्यायाधीश ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों और तथ्यों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए यह उचित होगा कि अपीलकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 332 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के साथ-साथ धारा 149 (गैर-कानूनी सभा) के तहत ‘अदालत के उठने’ तक की सजा दी जाए. अखिलेश पति त्रिपाठी मॉडल टाउन से विधायक हैं, जबकि संजीव झा बुराड़ी से विधायक हैं.

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20 फरवरी 2015 को बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हुआ था हमला

मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी थाने में दंगा करने और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने के मामले में 15 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना 20 फरवरी 2015 की रात को हुई थी, जब भीड़ ने बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला किया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

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