नेवी हमें इस तरह तैयार करती है कि हम शारीरिक और मानसिक तौर इतने मजबूत हो जाते हैं कि किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं. हमें 60 घंटे उड़ने की भी ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें सॉर्टिज़ और सिम्युलेटर उड़ानें शामिल हैं.
हमारे प्रशिक्षक कभी भी पुरुष और महिला में भेद नहीं करते यह बातें Sub. Lt. कुमुदिनी त्यागी ने कही. मूलरूप से मेरठ की रहने वाली कुमुदिनी की चर्चा खूब है अपनी मेहनत और लगन से उन्होने भारतीय नौसेना के हेलिकॉप्टर बेडे़ में बतौर ऑब्जर्वर (एयरबोर्न टैक्टीशियंस ) जगह बना ली है.
पहली बार हेलिकॉप्टर स्ट्रीम में दो महिलाओं को ‘ऑब्जर्वर्स’ (एयरबोर्न टैक्टीशियंस) के रूप में चुना गया है. इनके इस जगह पर पहुंचने से कई महिला जो इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं उन्हें हौसला मिला है. सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह दोनों ने इस जगह पर पहुंचने के लिए खूब मेहनत की है.
कुमुदिनी के पिता प्रवेश त्यागी ने बेटी की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, पिता के लिए इससे बड़ी खुशी का दिन क्या होगा कि उसकी बेटी पर पूरे देश को गर्व है. उसने अपना सपना पूरा किया है, वह बचपन से इस सपने को पूरा करने में लगी थी. उसने इस सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत की है. जब भी मैं काम के बाद घर लौटता तो उसे हमेशा पढ़ता हुआ देखता था. उसकी मेहनत का ही फल है कि उसने अपने सपने को हासिल कर लिया है.
कुमुदिनी मूलरूप से खरखौदा ( मेरठ) की रहने वाली हैं. आज भी कुमुदिनी के परिवार के कई सदस्य इस गांव में रहते हैं. कुमुदिनी के छोटे भाई भी अपने सपने को पूरा करने में लगे हैं. उनके छोटे भाई ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स किया और अब सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak