किसान आंदोलन पर हाल ही में अमेरिकी गायिका रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के प्रोपेगेंडा पर महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और गायिका लता मंगेशकर ने पलटवार किया था, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार ने जांच का आदेश दे दिया है. इधर उद्धव ठाकरे सरकार के इस आदेश की जमकर आलोचना हो रही है.
इधर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उसके शासन का अंदाज बहुत निराला है जो विदेशों की अराजक आवाजों की सराहना करती है लेकिन देश के हित में आवाज उठाने वाले राष्ट्रभक्त भारतीयों को प्रताड़ित कर रही है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इससे पहले कहा था कि राज्य का खुफिया विभाग कुछ हस्तियों पर किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने का दबाव डालने के आरोपों के संबंध में जांच करेगा. देशमुख के इस बयान के बाद नड्डा ने ट्वीट कर शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार पर हमला किया.
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में एमवीए (महाराष्ट्र विकास अघाड़ी) सरकार का शासन का अनोखा मॉडल है. विदेशों से आ रही अराजक आवाजों की सराहना कर रही है जो भारत की खराब छवि प्रस्तुत करती हैं लेकिन राष्ट्रभक्त भारतीयों को प्रताड़ित कर रही है जो देश हित में खड़े हुए हैं. यह निर्णय कर पाना मुश्किल है कि कौन ज्यादा दोषपूर्ण है-उनकी प्राथमिकताएं या उनकी मानसिकता.
इधर ट्विटर पर लोग महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में निशाने पर लिया है. ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, महाराष्ट्र सरकार सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर के प्रो-इंडिया ट्वीट्स की जांच करेगी. पता नहीं किसने महाराष्ट्र सरकार को यह सलाह दी है. आखिर कोई कैसे इस बात की जांच कर सकता है कि किसके दिमाग में क्या है?
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और पॉप स्टार रिहाना के टवीट के बाद पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और गायिका लता मंगेशकर समेत कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर सरकार के समर्थन वाले हैशटेग के साथ जवाबी ट्वीट किए थे. तेंदुलकर और मंगेशकर भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित हैं.
Posted By – Arbind kumar mishra