सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने के बाद अब तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने हिंदी भाषा को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद हो सकता है. हिंदी दिवस के मौके पर उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि जो भाषा देश के चार-पांच राज्यों में बोली जाती है उसके लिए कैसे यह कहा जा सकता है कि यह देश को एकजुट करती है. द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन दरअसल गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी दिवस पर दिये गये संदेश पर आपत्ति जता रहे थे और उन्होंने अमित शाह के संदेश को गैर हिंदी भाषी लोगों पर हिंदी थोपने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि हिंदी देश के मात्र चार-पांच राज्यों में बोली जाती है, इस परिस्थिति में कैसे हिंदी देश को जोड़ने वाली भाषा बन सकती है.
हिंदी दिवस के मौके पर दिए गए अपने संदेश में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा -हमारे बहुभाषी देश को हिंदी एकजुट करती है. हिंदी ने विभिन्न भाषाओं और बोलियों को सम्मानित किया है और उन्हें अपनाया है. अमित शाह ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी ने स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक देश और देशवासियों को एकसूत्र में बांधा है. गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संदेश में यह भी कहा कि हिंदी ने कभी भी किसी अन्य भारतीय भाषा से प्रतिस्पर्धा नहीं की है और न ही करेगी. हिंदी ने हमेशा देश को मजबूत करने का काम किया है.
अमित शाह के इस संदेश की निंदा करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने एक्स पर तमिल में एक पोस्ट में लिखा जिसमें उन्होंने कहा-हिंदी देश के लोगों को एकजुट करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को सशक्त बनाती है, केंद्रीय मंत्री अमित शाह का बयान उनके हिंदी प्रेम को दर्शाता है. उनका यह बयान उसी तरह का है जैसे हम चिल्लाकर यह कहते हैं कि यदि आप हिंदी पढ़ेंगे, तो आप प्रगति कर सकते हैं. उन्होंने लिखा तमिलनाडु में तमिल और केरल में मलयालम भाषा बोली जाती है क्या हिंदी इन दोनों राज्यों को एकजुट करती है?
‘हिंदी दिवस’ के अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की भाषाओं की विविधता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम 'हिंदी' है। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजतक देश को एकसूत्र में बाँधने में हिंदी की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आइए, ‘हिंदी दिवस’ के अवसर…
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2023
उदयनिधि स्टालिन ने लिखा है कि चार-पांच राज्यों में बोली जाने वाली हिंदी भाषा पूरे देश को जोड़ती है, यह कहना अमित शाह का बेतुका बयान है. उन्हें हिंदी को छोड़कर देश की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का अपमान बंद करना चाहिए. उदयनिधि स्टालिन ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा है-हिंदी थोपना बंद करें. ज्ञात हो कि द्रमुक ने अपने स्थापना काल से ही हिंदी का विरोध किया है. तमिलनाडु में हिंदी विरोधी आंदोलन हुआ था. द्रमुक ने शुरुआत से ही हिंदी भाषा का विरोध किया है और यह कहा है कि उनपर हिंदी भाषा को थोपा ना जाए. करुणानिधि ने भी हिंदी का विरोध किया था और अब उनके पोते उदयनिधि स्टालिन भी वही कर रहे हैं.
गौरतलब है कि उदयनिधि इन दिनों सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में हैं. उनके बयान के बाद से बीजेपी ना सिर्फ उदयनिधि पर बल्कि विपक्षी गठबंधन पर भी हमलावर रही है. बीजेपी नेता रविशंकर ने भी प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से सवाल किया था कि देश की विरासत और संस्कृति का अपमान हो रहा है तो वे चुप क्यों हैं? क्या वे वोट की राजनीति के लिए कुछ भी करेंगी? वहीं हिंदू जनजागृति समिति ने उदयनिधि के खिलाफ कोई कार्रवाई ना होने पर आपत्ति जताई और यह मांग की कि उनपर एफआईआर दर्ज हो. समिति ने सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी को पीड़ादायक बताया था.