Sharda University Exam Controversy: यूपी के ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी की परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को लेकर खूब बवाल हो रहा है. हालत ये है कि पूरा मामला यूजीसी (UGC) तक पहुंच गया है, और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शारदा विश्वविद्यालय से पूछे गए सवाल को लेकर जवाब मांगा है. दरअसल सवाल हिंदुत्व और फासीवाद के बीच समानता को लेकर किया गया था. जिसके बाद यूजीसी ने नोटिस देकर जवाब की मांग की है.
यूजीसी ने नोटिस देकर मांगा जवाब
उच्च शिक्षा नियामक ने ग्रेटर नोएडा स्थित निजी विश्वविद्यालय को विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट में यह बताने को कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं. शारदा विश्वविद्यालय को भेजे गए नोटिस में यूजीसी ने ने पूछा है कि, यह संज्ञान में आया है कि छात्रों ने सवाल पर आपत्ति जताई है. विश्वविद्यालय के पास प्रश्न को लेकर आपत्ति जताई है. यूजीसी ने कहा है कि, छात्रों से इस तरह का सवाल पूछना हमारे देश की भावना और लोकाचार के खिलाफ है, जो समावेशिता और एकरूपता के लिए जाना जाता है तथा इस तरह का सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए था.
सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र खूब हो रहा वायरल
इधर, प्रश्न पत्र आने के बाद सोशल मीडिया पर यह खूब वायरल हो रहा है. वहीं, सुर्खियों में आने के बाद जांच के लिए विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस मामले में समिति अन्य प्रोफेसर, विद्यार्थियों से बयान लेगी, फिर उन्हीं बयानों के आधार पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें, यूनिवर्सिटी ने प्रश्न पत्र तैयार करने वाले संकाय सदस्य को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
सहायक प्रोफेसर ने दिया इस्तीफा
मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रश्न पत्र तैयार करने वाले विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर वकास फारुक ने अपना इस्तीफा दे दिया है. बता दें, शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा के बीए प्रथम वर्ष (BA 1st Year) के राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) के के प्रश्न पत्र में परीक्षार्थियों से हिंदुत्व-फासीवाद के लेकर सवाल किया गया था. बतौर प्रश्न पूछा गया था कि, क्या आप फासीवाद/ नाजीवाद और हिंदू दक्षिणपंथी के बीच कोई समानता पाते हैं? तर्कों के साथ विस्तार से समझाएं. इस प्रश्न को लेकर काफी बवाल हुआ था.
भाषा इनपुट से साभार