केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र के दौरान सरप्राइज दिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) को अपनी मंजूरी दे दी है. संसद के विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही के बाद सोमवार शाम को पार्लियामेंट हाउस एनेक्स में सोमवार की शाम पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी गयी.
प्रह्लाद सिंह पटेल ने ट्वीट किया- महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था
महिला आरक्षण बिल को लेकर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ट्वीट किया और बताया कि इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था. जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया.
20 सितंबर को संसद में पेश किया जा सकता है महिला आरक्षण बिल
ऐसी भी खबर है कि महिला आरक्षण बिल 20 सितंबर को संसद में पेश किया जा सकता है. संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किए जाने की घोषणा के बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस सत्र में सरकार महिला आरक्षण विधेयक या अन्य महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है.
Also Read: संसद के विशेष सत्र में ये बिल होंगे पेश, जानें विपक्ष क्यों कह रही है कि सरकार कर सकती है षड्यंत्रडेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली कैबिनेट की बैठक
मंत्रिमंडल की यह बैठक ऐसे समय हुई जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण विधायी प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है. डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है.
कैबिनेट की बैठक ये थे शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी और अर्जुन राम मेघवाल सहित केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.
सत्र शुरू होने से पहले ही पीएम मोदी ने दिया था संकेत
सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ‘बहुत बड़ा’, ‘मूल्यवान’ और ‘ऐतिहासिक निर्णयों’ का है. संसद के 75 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में चर्चा पर अपनी टिप्पणी में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों का योगदान बढ़ रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की मांग की है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देता है.
कांग्रेस की सत्ता पक्ष से महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने की मांग
कांग्रेस ने लोकसभा में मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक पेश करने और इसे सर्वसम्मति से पारित कराने की सत्ता पक्ष से मांग की. सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ‘संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ विषय पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उनकी नेता सोनिया गांधी के प्रयास से राज्यसभा में एक बार संबंधित विधेयक पारित हो चुका था, लेकिन अब समय आ गया है कि सत्ता पक्ष महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने संबंधित विधेयक इस सत्र में पेश करे और इसे मूर्त रूप देने में भूमिका निभाए. उन्होंने विपक्षी दलों को अपने विचार रखने के लिए भी एक दिन तय करने का अनुरोध किया.
तृणमूल कांग्रेस ने भी महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग की
तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि संसद के नए भवन में महिला आरक्षण विधेयक बिना देर किए पेश किया जाए और पारित किया जाए. लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने ‘संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए यह मांग उठाई. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय जब नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होने जा रही है तो ‘इंडिया’ और ‘भारत’ में भेद नहीं किया जाना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने आग्रह किया, नए संसद भवन में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया जाए और पारित किया जाए. इसमें देर नहीं होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि आजकल विधेयकों को चर्चा के बिना पारित कर दिया जा रहा है, जो अच्छी बात नहीं है.