नयी दिल्ली : देश-दुनिया इस समय कोरोना संकट के काल से गुजर रहा है. कोरोना से अगर कोई देश सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, तो वो है अमेरिका. अमेरिका में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 10 लाख से अधिक हो गयी है, वहीं मरने वालों की संख्या करीब 60 हजार के हो गयी है. कोरोना संकट में भारत ने अमेरिका की सबसे अधिक मदद की है, खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा था. लेकिन अब अमेरिका से एक बेहद चौकाने वाली खबर है, व्हाइट हाउस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनफॉलो कर दिया है.
व्हाइट हाउस ने न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनफॉलो किया है बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, अमेरिका में भारतीय दूतावास और भारत में अमेरिकी दूतावास का ट्विटर अकाउंट हो भी अनफॉलो कर दिया है. इसके अलावा भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर को भी व्हाइट हाउस ने अनफॉलो कर दिया है.
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मालूम हो अमेरिका को जब कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की सबसे अधिक जरूरत थी, तो भारत ने आगे बढ़कर उसकी मदद की थी, जब अमेरिका का मतलब सध गया है तो लगभग तीन हफ्ते बाद व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने व्हाइट हाउस की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई को अनफॉलो किये जाने को गंभीरता से लिया है और उन्होंने ट्वीट कर इस मुद्दे पर खेद जतायी है. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर नाराजगी जताते हुए इस मुद्दे को विदेश मंत्रायल को संज्ञान में लेने की मांग की है.
I'm dismayed by the "unfollowing" of our President & PM by the White House. I urge the Ministry of External Affairs to take note.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 29, 2020
उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, ‘व्हाइट हाउस द्वारा हमारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अनफॉलो किये जाने पर मैं निराश हूं, मैं अपील करता हूं कि विदेश मंत्रालय इस फैसले का संज्ञान ले’.
गौरतलब है अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार चली गई और इससे मरने वाले लोगों की संख्या 59,000 के करीब पहुंच गई है. हालांकि कई राज्यों ने संक्रमण और मौत के मामलों में गिरावट के संकेतों के बीच अपनी अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, हम मृतकों के साथ-साथ उन अमेरिकियों के लिए प्रार्थना करते रहेंगे जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया. ऐसा पहले कभी कुछ नहीं हुआ. हम दिल से चोट खाए हुए हैं लेकिन हम मजबूत बने रहेंगे. हम वापसी कर रहे हैं और हम मजबूती से वापसी कर रहे हैं.
अमेरिका दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां कोरोना वायरस के मामले 10 लाख के पार चले गए. यह दुनियाभर में आए 31 लाख मामलों का करीब एक तिहाई है. वहीं अमेरिका में करीब 59,000 लोगों की मौत के साथ ही दुनियाभर में 2,13,000 से अधिक लोगों की मौत की यह एक चौथाई संख्या है. ट्रंप ने कहा, अब हमारे विशेषज्ञों का मानना है कि इस वैश्विक महामारी का बुरा दौर बीत चुका है और अमेरिकी हमारे देश को सुरक्षित तथा तेजी से फिर से खोलने की ओर देख रहे हैं.
उन्होंने कहा, इस परेशानी के वक्त करोड़ों मेहनती अमेरिकियों को बहुत, बहुत बड़े त्याग देने के लिए कहा गया. यह ऐसे बलिदान है जिसके बारे में किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा, किसी ने नहीं सोचा था कि हम कभी किसी ऐसी स्थिति के बारे में बात करेंगे.