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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा
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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा
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नये मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें तेज
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की बढ़ती अटकलों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मंगलवार दोपहर 4 बजे राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया. हालांकि अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि आखिर रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों दिया. ऐसी खबरें आ रही हैं कि वो कुछ देर बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं.
इस्तीफा देने के बाद रावत ने कहा, भाजपा ने एक छोटे से कार्यकर्ता को बड़ा सम्मान दिया. उन्होंने कहा, मैं एक छोटे से गांव से निकलकर राज्य के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा. मैं रोजगार के क्षेत्र में काम किया. बच्चों की शिक्षा के लिए, किसानों के लिए काम किया. चार वर्ष का मौका अगर पार्टी ने नहीं दिया होता, तो मैं यह काम नहीं कर पाता.
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बारे में जब संवाददाताओं ने पूछा तो उन्होंने हंसते हुए कहा, भाजपा में कोई भी फैसले काफी विचार के बाद लिये जाते हैं. उन्होंने उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर कहा, बुधवार को सुबह 10 बजे विधायक दल की बैठक होगी. बैठक के बाद ही नये मुख्यमंत्री का फैसला लिया जाएगा.
सोमवार को रावत को दिल्ली किया गया था तलब
त्रिवेंद्र सिंह रावत को सोमवार को दिल्ली तलब किया गया था. दिल्ली में वो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. दिल्ली से लौटने के बाद रावत के इस्तीफे की चर्चा तेज हो गयी थी.
प्रदेश भाजपा विधायकों में असंतोष की खबरें
रावत के इस्तीफे के पीछे मंत्रिमंडल विस्तार सहित कुछ बातों को लेकर प्रदेश भाजपा विधायकों में असंतोष की बातें गाहे-बगाहे उठती रही हैं. इधर रावत के इस्तीफा देने के बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी मामलों के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार सिंह अचानक देहरादून पहुंचे और कोर ग्रुप की बैठक की.
कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था. बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री रावत को तुरंत गैरसैंण से वापस देहरादून आना पड़ा.
आनन-फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी तत्काल गैरसैंण से देहरादून बुला लिया गया. दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में प्रदेश के ज्यादातर सांसद और प्रदेश संगठन से जुडे़ अहम नेता मौजूद रहे. मुख्यमंत्री रावत के गैरसैंण और देहरादून में सोमवार को भी कई कार्यक्रम प्रस्तावित थे लेकिन हाईकमान के बुलावे पर उन्हें दिल्ली जाना पड़ा जहां से वह मंगलवार को लौटे.
Posted By – Arbind kumar mishra