उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी चरण में है. सुरंग में 6-8 मीटर ड्रिलिंग अभी बाकी रह गया है. हालांकि इस दौरान ड्रिलिंग मशीन में कुछ खराबी आ गई. जिसे ठीक कराने के लिए दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम को बुला लिया गया है.
सुरंग के बाहर एंबुलेंस तैयार
मजदूरों के बाहर आने के बाद उन्हें फौरन अस्पताल पहुंचाने के लिए सुरंग के बाहर करीब 30 एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और डॉक्टरों की टीम को तैनात कर दिया गया है. बुधवार को मलबे के बीच से स्टील पाइप की ड्रिलिंग में उस समय बाधा आई जब लोहे की कुछ छड़ें ऑगर मशीन के रास्ते में आ गईं थी.
अमेरिकी ऑगर मशीन से की जा रही ड्रिलिंग
सुरंग में ड्रिलिंग के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन को काम पर लगाया गया है. मजदूरों तक पहुंचने के लिए मशीन को 57 मीटर के मलबे के माध्यम से ड्रिल करना पड़ा, जो 12 दिन पहले निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से फंस गए थे. अब केवल 6-7 मीटर मलबा खोदा जाना बाकी है.
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ऑगर मशीन से ड्रिलिंग कर सुरंग के अंदर छह मीटर लंबे 900 मिलीमीटर व्यास के चार पाइप डाले जा रहे हैं. पाइप डाल दिये जाने के बाद मजदूर उसके जरिये रेंग कर सुरंग के बाहर आएंगे.
एयरलिफ्ट के लिए सुरंग के बाहर हेलीकॉप्टर तैयार
सुरंग के बाहर मजदूरों को एयरलिफ्ट करने के लिए एक हेलीकॉप्टर को भी तैयार रखा गया है. सुरंग में फंसे श्रमिकों के बाहर आने के बाद उनकी देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का एक अस्पताल तैयार कर लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों के साथ-साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश भी अलर्ट पर है.