उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. अच्छी बात है कि सभी मजदूर स्वस्थ्य हैं. हालांकि हेल्थ चेकअप के लिए सभी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाया गया है. जहां 48 घंटों तक डॉक्टरों की टीम के देखरेख में रहेंगे. इधर हादसे को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने राज्य में चल रहे सभी सुरंग परियोजनाओं की समीक्षा कराने का फैसला किया है.
सभी सुरंग परियोजनाओं की होगी समीक्षा : सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संवाददाताओं से कहा, राज्य सरकार ने प्रदेश में सभी सुरंग परियोजनाओं की समीक्षा करने का फैसला लिया है. उन्होंने आगे कहा, राज्य में ऐसी कई परियोजनाएं चल रही हैं. हमने उनकी समीक्षा करने का निर्णय किया है. हमें विकास चाहिए लेकिन पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन होना चाहिए. हाल में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि सरकार सभी निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा ऑडिट करेगी.
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— Vikash Kumar (@VikashK92897418) November 29, 2023
धामी ने श्रमिकों को एक-एक लाख रुपये का चेक सौंपा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग से निकाले गए श्रमिकों को ऋषिकेश के एम्स में भर्ती किए जाने से पहले बुधवार को चिन्यालीसौड़ अस्पताल में उनसे मिलकर उनका हालचाल जाना. सीएम धामी ने सभी मजदूरों को एक-एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक सौंपा. मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान के अंतिम दौर में मलबे में पाइप डालने के लिए ‘रैट माइनिंग तकनीक’ से हाथ से खुदाई करने वाले श्रमिकों को भी 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की.
पीएम मोदी भी रेस्क्यू ऑपरेशन का लगातार लेते रहे अपडेट
मीडिया से बातचीत में धामी ने कहा कि सभी लोग स्वस्थ और प्रसन्न हैं और वे उन्हें सुरंग से बाहर निकालने का प्रयास करने वाले लोगों और एजेंसियों का धन्यवाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बचाव अभियान पर लगातार ध्यान दे रहे थे और वह अपने बच्चों की तरह श्रमिकों की चिंता करते रहे, इसके लिए श्रमिकों ने उनका भी आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बचाव अभियान में दुनिया के सबसे अच्छे प्रयास किए गए.
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कैसे हुआ हादसा?
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह जाने से उसमें 41 श्रमिक फंस गए थे जिन्हें युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया.