Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी में टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू के लिए कई टीम दिन-रात एक कर रही हैं. हादसे के बाद से ही लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ऊपर की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग 31 मीटर तक पहुंच चुकी है. गौरतलब है कि वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के टूटने के बाद वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गयी थी. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा.
लगातार जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू की कोशिश जारी है. एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा है कि हालात नियंत्रण में हैं. उन्होंने बताया कि जरुरत के हिसाब से भोजन और दवाएं अंदर भेजी जा रही हैं. मनोवैज्ञानिक पहलुओं को भी महत्व दिया गया है. बैकअप संचार स्थापित किया गया है और लगातार परिवार के सदस्य उनसे बातचीत कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. जल्द ही हम मजदूरों को निकाल लेंगे.
पीएम मोदी ले रहे हैं रेस्क्यू की पूरी जानकारी
इधर, उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन पर पीएम मोदी लगातार नजर बनाए हुए हैं. पीएमओ की ओर से रेस्क्यू को लेकर अपडेल समय-समय पर लिया जाता रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ पीके मिश्रा ने सिलक्यारा पहुंचकर पिछले दो सप्ताह से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने ग्राफिक प्रेजेंटेशन और मैपिंग के जरिये साढ़े चार किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग की भौगोलिक स्थिति को समझा. प्रमोद कुमार मिश्र ने सुरंग के अंदर चल रहे बचाव कार्य की बारीकियों को समझा और अधिकारियों के साथ ही इस काम में जुटे इंजीनियर और श्रमिकों से बात करके उनका हौसला बढ़ाया.
गौरतलब है कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा बीते 12 नवंबर को अचानक से ढह गया था. जिसके बाद वहां काम कर रहे 41 मजदूर फंस गये. उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. रेस्क्यू के लिए कई टीमें काम में लगी है. अमेरिकी ऑगर मशीन के ब्लेड खुदाई के दौरान टनल में ही फंस गये थे, जिसे प्लाज्मा मशीन से हटाया गया.
भाषा इनपुट के साथ