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Vaccination : वैक्सीन की ऑनलाइन बुकिंग कराने में होगी आसानी, पेटीएम, मेक माय ट्रिप और इन्फोसिस ने बढ़ाया मदद का हाथ

सरकार ने पिछले महीने नियमों में ढील दी, ताकि संभावित रूप से तीसरे पक्ष के ऐप को वैक्सीन बुकिंग की पेशकश की जा सके. कोरोना टीकाकरण में देरी और कमी के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से टीके की खरीद का नियंत्रण वापस ले लिया. इसे अपने खुद वैक्सीन बुकिंग प्लेटफॉर्म के साथ शुरुआती समस्याओं का भी सामना करना पड़ा.

Vaccination : कोरोना का टीका लगाने वालों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण खबर है. अब ऑनलाइन वैक्सीन की बुकिंग कराना आसान हो जाएगा. वैक्सीन बुकिंग कराने के लिए पेटीएम, मेक माय ट्रिप और इन्फोसिस ने सरकार की मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. सरकार के तकनीकी प्लेटफॉर्म के प्रमख ने बताया कि देश के अधिक से अधिक लोगों को शॉट्स बुक कराने का प्रयास किया जा रहा है.

समाचार एजेंसी रायटर्स की खबर के अनुसार, सरकार ने पिछले महीने नियमों में ढील दी, ताकि संभावित रूप से तीसरे पक्ष के ऐप को वैक्सीन बुकिंग की पेशकश की जा सके. कोरोना टीकाकरण में देरी और कमी के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से टीके की खरीद का नियंत्रण वापस ले लिया. इसे अपने खुद वैक्सीन बुकिंग प्लेटफॉर्म के साथ शुरुआती समस्याओं का भी सामना करना पड़ा.

टीकाकरण रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध पोर्टल कोविन का प्रबंधन करने वाले सरकार के पैनल के प्रमुख आरएस शर्मा के अनुसार, देश के करीब 15 राज्य की एजेंसियों और निजी कंपनियों ने वैक्सीन बुकिंग की पेशकश करने की अनुमति देने के लिए कहा है. इनमें जिनमें भारतीय स्वास्थ्य सेवा दिग्गज अपोलो और मैक्स, और ऑनलाइन फार्मेसी 1एमजी शामिल हैं.

सॉफ्टबैंक समर्थित डिजिटल भुगतान ऐप पेटीएम के 100 मिलियन से अधिक मासिक सक्रिय यूजर्स हैं, जबकि मेक माय ट्रिप के 12 मिलियन. उनकी लोकप्रियता भारतीयों को अपने कोरोना वैक्सीन की शॉट्स बुक करने के लिए अधिक मजबूत विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. खासकर वैसे समय में यह ज्यादा कारगर साबित होगा, जब वे सरकारी पोर्टल कोविन के जरिए बुकिंग कराने के लिए जद्दोजहद का सामना कर रहे हैं. शर्मा ने कहा कि यह देश के हित में होगा और सभी संस्थाओं का संघ सिर्फ एक व्यक्तिगत मंच से बेहतर है.

मेकमाईट्रिप के सीईओ राजेश मागो ने कहा कि उनकी कंपनी लोगों को उनके टीकाकरण स्लॉट बुक करने में मदद करना चाहती है. वहीं, 1एमजी ने कहा कि वह सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही है. हालांकि, अपोलो ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि पेटीएम, इंफोसिस और मैक्स ने कोई जवाब नहीं दिया.

बता दें कि भारत की 130 करोड़ की आबादी में से केवल 3.5 फीसदी को ही कोरोना का टीका लग पाया है. उधर, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचने के लिए तेजी से तैयारी करनी होगी, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी.

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Posted by : Vishwat Sen

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