राजस्थान में एक बार फिर से सियासी सरगर्मी तेज है, तो दूसरी ओर राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी सड़क पर उतर गयी है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘वीरांगना’ (पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं) की मांगों को लेकर जमकर सड़क पर प्रदर्शन किया और कांग्रेस सरकार को कटघरे में लिया. इधर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को इस मामले में घेरने से बाज नहीं आये. जिससे गहलोत और पायलट के बीच फिर से खटपट शुरू हो गयी है.
एक-दो नौकरी का मुद्दा बड़ा नहीं : सचिन पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, ‘वीरांगना’ (पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं) पर राजनीति गलत है. इससे गलत संदेश जाएगा. एक-दो नौकरी का मुद्दा बड़ा नहीं, पहले भी हुए थे संशोधन, आगे भी हो सकते हैं संशोधन. वर्ष 2019 के पुलवामा हमले में शहीद जवानों की वीरांगनाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत नीत सरकार पर हमला करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि अहम को किनारे रखकर उनकी बात सुनी जानी चाहिए.
मधुबाला मीणा ने अशोक गहलोत सरकार को दी चेतावनी
‘वीरांगना’ मधुबाला मीणा ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो फिर से धरना दिया जाएगा. उन्होंने कहा, स्थानीय विधायक ने शहीद हेमराज की प्रतिमा स्थापित कर उसका अनावरण किया, लेकिन हममें से किसी को इसके बारे में बताया तक नहीं गया.
Tonk, Rajasthan | Politics on 'Virangana' (widows of soldiers who died in Pulwama attack) is wrong. It will send a wrong message. The issue of one-two job isn't big, rules were amended earlier, they can be amended ahead as well: Congress leader Sachin Pilot pic.twitter.com/XXvjo4wozR
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 11, 2023
Also Read: Rajasthan Chunav 2023 : राजस्थान में चुनाव के पहले फिर आमने-सामने आये सचिन पायलट और अशोक गहलोत
सड़क पर बीजेपी का प्रदर्शन
वीरांगनाएं (पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं) की मांगों के समर्थन में राजस्थान बीजेपी ने जमकर प्रदर्शन किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की झड़प भी हुई. विरोध रैली के दौरान जयपुर में राजस्थान बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. राजस्थान भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा, हमारे नेताओं और पुलवामा शहीदों की पत्नियों का अपमान किया गया, हम इसका विरोध कर रहे हैं. आगामी दिनों में राजस्थान में ‘जन आक्रोश’ अभियान चलाया जाएगा, जहां हम किसानों का कर्ज माफ करने, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाएंगे.
सरकरी नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन कर रही हैं पुलवामा वीरांगनाएं
गौरतलब है कि वीरांगनाएं (पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की विधवाओं) 28 फरवरी से प्रदर्शन कर रही हैं और इन्होंने नियमों में बदलाव की मांग करते हुए छह दिन पहले अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी ताकि न सिर्फ उनके बच्चों बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिल सके. उनकी अन्य मांगों में सड़कों का निर्माण और उनके गांवों में शहीदों की प्रतिमाएं लगाना शामिल है.