Monsoon Withdrawal, India Meteorological Department, winter season in india, Weather Forecast : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि दक्षिण पश्चिम मानसून अगले सप्ताह के अंत तक पश्चिमी राजस्थान से हटना शुरू कर देगा. इसे सर्दियों का मौसम आने का संकेत भी माना जा सकता है. मानसून की वापसी के लिए रविवार तक परिस्थितियां अनुकूल नजर आ रही थी. वहीं, उत्तर भारत के मैदानी व पहाड़ी इलाकों में तापमान सामान्य से ऊपर नजर आ रहा है. जिसके कारण यहां के लोगों को ऊमस भरी प्रचंड गर्मी झेलनी पड़ रही है.
एक रिपोर्ट की मानें तो आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि 20 सितंबर से पश्चिम राजस्थान में मानसूनी वर्षा शायद देखने को न मिले. आपको बता दें कि आईएमडी को इस वर्ष से मानसून की वापसी की तारीखों में संशोधन करने की जरूरत पड़ी है.
नए शेड्यूल के अनुसार 17 सितंबर को देश से मानसून के वापस लौटने की उम्मीद थी. हालांकि, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बने होने के कारण मानसून वापस देश के कई राज्यों में एक्टिव हो गया है. पश्चिम राजस्थान से दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी भी सर्दियों की शुरुआत का संकेत है.
फिलहाल, मध्य और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय नजर आ रहा है. इस दौरान यहां के कई क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना है. आईएमडी ने रविवार को ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और गोवा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
अभी तक बारिश के आंकड़ें को देखा जाए तो देश में सामान्य से 7 फीसदी अधिक बारिश हुई है. आईएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिमी भागों में अभी तक कुल 15 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गयी है. जिनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख भी शामिल हैं.
वहीं, मध्य भारत के भागों में अब तक 14 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गयी है. जिनमें गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव शामिल हैं.
जबकि, मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण भारत के हिस्सों में 28 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गयी है. इनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और पुदुचेरी के केंद्र शासित प्रदेश आदि शामिल हैं.
अगर बात करें पूर्व और पूर्वोत्तर भारत की तो यहां सामान्य से 2 प्रतिशत अधिक वर्षा इस साल दर्ज की गई है. जिनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड समेत अन्य पूर्वोत्तर राज्य शामिल हैं.
Posted By : Sumit Kumar Verma