Weather News : मौसम विभाग ने तेलंगाना में अगले सात दिनों के लिए चेतावनी जारी की है. विभाग के मुताबिक एक अगस्त को आदिलाबाद, कोमाराम भीम आसिफाबाद और अन्य जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं, लगातार बारिश के कारण शिमला जिले के ननखरी और कोटगढ़ इलाकों की छह पंचायतों के कई घरों पर डूबने का खतरा मंडराने लगा है. ऐसा ही हाल राजस्थान के भी कई इलाकों का है. आइए जानते है इन राज्यों में क्या है स्थिति विस्तार से…
तेलंगाना में बीते सप्ताह से हुई भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश रुकने से शनिवार को राहत कार्य में तेजी आई. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि शनिवार दोपहर तक प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक, बारिश से संबंधित घटनाओं में 16 लोगों की जान चली गई है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार से बारिश कम होने के बावजूद वारंगल के कुछ हिस्सों में जलभराव जारी है. राज्य सरकार ने राहत शिविर स्थापित किए हैं और बारिश प्रभावित क्षेत्रों में बचाव तथा पुनर्वास कार्य तेज कर दिया है.
अधिकारी ने बताया कि वारंगल में भद्रकाली टैंक में दरार आ गई और इसे भरने के प्रयास जारी हैं. मंदिरों के शहर भद्राचलम में गोदावरी नदी का जलस्तर शनिवार शाम चार बजे 55.40 फुट था और यहां तीसरी और अंतिम चेतावनी लागू की गयी थी. बाढ़ के मद्देजनर इस जिले के संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से निकालकर राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई जिलों में कृषि क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है.
राज्य नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के. टी. रामा राव ने जलजनित बीमारियों को रोकने के उपायों, सुरक्षित पेयजल के प्रावधान, स्वच्छता प्रबंधन और राजमार्गों एवं अन्य मुख्य सड़कों का पुनर्निर्माण सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा की. उन्होंने भारी बारिश के बाद राहत कार्यों पर एक ‘टेलीकांफ्रेंस’ आयोजित की थी. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, मंत्री ने अधिकारियों से मौजूदा स्थिति में राहत उपायों को एक चुनौती के रूप में लेने को कहा और उन्हें अधिक प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.
रामा राव ने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में किसी भी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. मौसम विज्ञान केंद्र ने तेलंगाना की अपनी दैनिक मौसम रिपोर्ट (29 जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे) में कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून तेलंगाना में कमजोर पड़ रहा है और राज्य में छिटपुट बारिश हो रही है. इसमें कहा गया है कि निर्मल जिले के भैंसा में सबसे अधिक तीन सेमी बारिश हुई.
कुल्लू जिले के अन्नी क्षेत्र के जाबन के ऊपरी इलाकों में शुक्रवार रात को बादल फटने से देवरी खड्ड में अचानक बाढ़ आ गई. इसके चलते अलर्ट जारी करके आधी रात को नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया. अचानक आई बाढ़ से बगीचों को भी नुकसान पहुंचा और कई स्थानों पर अन्नी-बरसा सड़क पर आवागमन बाधित हो गया. पानी के बहाव में बढ़ोतरी से कोटू नाले में भी बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण कुछ गांवों में जमीन धंस गई है, जिससे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. उन्होंने कहा कि भूवैज्ञानिकों से जमीन धंसने के कारण का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया जाएगा. वहीं, कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने को बताया कि कुछ घरों और अन्य निजी संपत्तियों तथा गौशालाओं को नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है, लेकिन अब स्थिति सामान्य है क्योंकि पानी कम हो गया है और कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है.
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में शुक्रवार की रात भारी बारिश के कारण न केवल भूस्खलन हुआ, बल्कि संपर्क सड़कों के अलावा बोर्नी नाला और जियोरी सहित कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच (शिमला-किन्नौर) भी अवरुद्ध हो गया. रामपुर के स्थानीय विधायक नंद लाल ने कहा, ‘‘पिछले तीन सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने स्थिति गंभीर बना दी है. राहत और बहाली कार्य जोरों पर हैं. सड़कों को खोलने के लिए भारी मशीनरी का इंतजाम किया गया है और जोखिम वाले घरों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.’’
जनजातीय बहुल किन्नौर जिले में चौरा के पास भारी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-पांच पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है. हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मॉनसून के दस्तक देने के बाद से राज्य में बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में अब तक 184 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 33 लोग लापता हैं. राज्य में बारिश से करीब 700 घर बह गए हैं, जबकि 7,093 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 28 जुलाई तक राज्य को 5,536 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. स्थानीय मौसम कार्यालय ने येलो अलर्ट जारी करते हुए दो अगस्त को और अधिक भारी बारिश होने की चेतावनी दी है. इसने चार अगस्त तक राज्य में बारिश का अनुमान जताया है.
लगातार बारिश से राजस्थान की राजधानी जयपुर में शनिवार को कई इलाकों में जलभराव होने एवं अन्य कारणों से सामान्य जीवन प्रभावित हुआ. जिले में शुक्रवार रात से ही बारिश हो रही है, जिससे सीकर रोड और जल महल के आसपास के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. कई अन्य निचले इलाकों और सड़कों पर पानी जमा होने से लोगों को परेशानी हो रही है. टोंक रोड, एसएमएस अस्पताल परिसर, बी2 बाइपास, जवाहर नगर, विद्याधर नगर सहित अन्य जगहों पर बारिश का पानी जमा हो गया है.
वहीं गणगौरी बाजार स्थित एक सरकारी अस्पताल के बेसमेंट में बारिश का पानी घुस गया. जलभराव के कारण जयपुर-अजमेर राजमार्ग सहित कई सड़कों पर यातायात जाम हो गया. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बारिश से प्रभावित शहर के कई इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये. उन्होंने कहा, ”मैंने कई क्षेत्रों का दौरा किया है और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं. निचले इलाकों से पानी निकालने के लिए मड पंप का इस्तेमाल किया जा रहा है.”
राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) के कमांडेंट राजकुमार गुप्ता ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमें सतर्क हैं और विभिन्न क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं. उन्होंने बताया कि बारिश के कारण कई कारें और अन्य वाहन बीच सड़क पर बंद हो गए जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई. निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों में जलभराव से परेशानी हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में जयपुर व दौसा जिलों में कहीं-कहीं अति भारी बारिश दर्ज जबकि राजसमंद, बारां, सीकर, अजमेर सवाई माधोपुर, भरतपुर व बीकानेर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है. राज्य में इस दौरान सबसे अधिक बारिश जयपुर कलेक्ट्रेट में 158 मिलीमीटर और बीकानेर के नोखा में 84 मिलीमीटर दर्ज की गई है.
मौसम विभाग के अनुसार, जयपुर और भरतपुर संभाग के जिलों में शनिवार को भी मानसून सक्रिय रहने व भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है. शेष भागों में हल्की मध्यम बारिश होने की सम्भावना है. वहीं 30-31 जुलाई को राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों में कमी आने तथा कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार, एक अगस्त से पुनः एक नया परिसंचरण तंत्र बनने से उत्तर-पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, जयपुर संभाग के जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है. दो अगस्त को भरतपुर, जयपुर संभाग में कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने की संभावना है.