कोलकाता : ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि ड्रॉपआउट रोकने में पश्चिम बंगाल की सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किये हैं. तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बच्चों को स्कूल छोड़ने से रोकने के कई उपाय किये हैं. यही वजह है कि बीच में ही स्कूल छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या में काफी कमी आयी है.
पार्टी ने दावा किया कि इस मामले में वर्ष 2018-20 के दौरान पश्चिम बंगाल शीर्ष पर रहा. तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा है कि वार्षिक राज्य शिक्षा रिपोर्ट (एएसईआर, 2020) के अनुसार, बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने की दर 3.3 फीसदी से घटकर 1.5 फीसदी हो गयी है. दूसरी तरफ, राष्ट्रीय स्तर पर यह 4 फीसदी से बढ़कर 5.5 फीसदी हो गयी.
बयान में सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया गया है कि कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान जैसे कुछ बड़े राज्यों में बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने की दर 11.3 फीसदी तक पहुंच गयी है. यह सर्वेक्षण 26 राज्यों में 584 जिलों के 16,974 गांवों में 52,227 परिवारों के बीच किया गया.
बयान में कहा गया है कि सर्वेक्षण के मुताबिक, बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें प्रदान करने के मामले में भी पश्चिम बंगाल पहले नंबर पर है. राज्य में इसका प्रतिशत 99.7 है, जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात , आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र में यह क्रमश: 79.6 प्रतिशत, 60.4 प्रतिशत, 95 प्रतिशत, 34.6 प्रतिशत और 80.8 फीसदी है.
बयान में कहा गया है, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पढ़ाई-लिखाई जारी रखने की पश्चिम बंगाल की पहल भी इस रिपोर्ट में स्वीकार की गयी है.’ पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष अभिक मजुमदार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के निरंतर प्रयास के बाद (बच्चों के बीच में ही स्कूल छोड़ देने में) यह गिरावट हुई कि एक भी बच्चा वित्तीय कारण से पढ़ाई न छोड़े.
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Posted By : Mithilesh Jha