Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में इस साल चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा प्लान तैयार कर रही है. जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार भाजपा ने अपने प्लान में थोड़ा चेंज लाया है. भाजपा ने अपने प्लान में कई चीजों को शामिल किया है. राजेंद्र राठौड़ के नेता प्रतिपक्ष की कमान संभालने के बाद, पार्टी ने कई नये मुद्दों पर काम करना शुरू कर दिया है एकजुटता का संदेश राजस्थान से दिल्ली भेजा जा रहा है और भाजपा मजबूती के साथ मैदान में कांग्रेस को चैलेंज करने के मूड में नजर आ रही है.
भाजपा नेता और राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां प्रदेश में एक्टिव नजर आ रहे हैं. उनके द्वारा पूरे प्रदेश में बूथ-बूथ तक भाजपा को पहुंचाने का काम किया जा रहा है और पार्टी को आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है. यहां चर्चा कर दें कि पिछले चार साल में भाजपा अध्यक्ष रहते हुए सतीश पूनियां ने पार्टी को मजबूत करने के लिए कई काम किये. उन्होंने पन्ना प्रमुख और बूथ को मजबूत करने को लेकर ताकत झोंक दी जिसका लाभ भाजपा को मिलने की संभावना जतायी जा रही है.
यदि आपको याद हो तो भाजपा ने कुछ दिन पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत 4 राज्यों में चुनाव प्रभारियों का ऐलान किया था. केंद्रीय कोयला मंत्री ने प्रह्लाद जोशी को राजस्थान का जिम्मा सौंपा गया. इसके बाद प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने बैठक की, तो उन्होने पन्ना प्रमुखों को टोली बनाने का काम सौंपा, जिसपर काम शुरू किया जाएगा. इस टोली के बारे में यदि आप नहीं जानते तो चलिए आपको आगे बताते हैं.
भाजपा की ओर से चुनाव प्रभारी बनाये गये प्रह्लाद जोशी राजस्थान भाजपा को एक्टिव करने में लग चुके हैं. उन्होंने अपनी बैठक में कार्यकर्ताओं को नया टास्क दिया है. राजस्थान में जितने पन्ना प्रमुख है वो अब पांच लोगों की टोली बनाने का काम करेंगे. भाजपा ऐसा करके सीधे मतदाता से जुड़ना चाहती है. इस मिशन पर लगने के लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को बोला गया है. इसे माइक्रो से भी माइक्रो चुनावी मैनेजमेंट के तौर पर देखा जा रहा है. सतीश पूनियां के काम को ही आगे बढ़ाते हुए सीपी जोशी की निगरानी में यह अभियान भाजपा शुरू करने जा रही है. अभियान के लिए जल्द ही जिलेवार नेताओं की जिम्मेदारी तय करने का काम पार्टी करेगी.
राजस्थान के इस विधानसभा चुनाव में भाजपा अलग रुख अपनाते दिख रही है. पार्टी अपराध, किसान और पेपर लीक को प्रमुख मुद्दा बनाकर कांग्रेस की सत्ता हिलाना चाहती है. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा में जमकर इन मुद्दों पर हंगामा किया था. पिछले दिनों उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने किसानों की कर्जमाफी पर कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. पेपरलीक मामले पर वे मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करते भी नजर आ चुके हैं.
जुलाई के पहले सप्ताह में राजस्थान पहुंचे पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.
इस बीच आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस का संकट टलता दिख रहा है. कांग्रेस इस बार राजस्थान में सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. इस संबंध में पार्टी के कई नेताओं के बयान सुनने को मिले हैं. हालांकि राजस्थान विधानसभा चुनाव के ट्रेंड को देखकर ऐसा नहीं लग रहा है. सच तो यही है कि राजस्थान में सत्ताधारी दल फिर से सत्ता पर काबिज नहीं होती है. पिछले चुनावों में ऐसा ही देखने को मिला है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या कांग्रेस प्रदेश में लगातार दोबारा सरकार बना पाएगी ?
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पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो कांग्रेस ने भाजपा को करारी मात दी थी. इस चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली है, वहीं भाजपा को 73 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. इसके अलावा बीएसपी को 6, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) को 2, भारतीय ट्रायबल पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोक दल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 और निर्दलीयों उम्मीदवार को 13 सीटों पर जीत मिली थी.