भाजपा के साथ शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन की अटकलें लगायी जा रही है. इस बीच पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हमारा गठबंधन बसपा के साथ है तो यह सवाल कैसे उठ रहा है ? उन्होंने चंडीगढ़ में कहा कि यह हमारी नियमित बैठक है. मैं एक महीने बाद आया हूं इसलिए हमारी नियमित बैठक हो रही है…हमने वैट वृद्धि और पानी के मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक की.
आपको बता दें कि पंजाब भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष सुनील जाखड़ नियुक्ति के साथ ही सक्रिय नजर आ रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि पंजाब के सभी 13 लोकसभा और 117 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को एकमात्र विकल्प के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा. शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ गठबंधन की चर्चा के बीच पिछले दिनों जाखड़ कह चुके हैं कि पंजाब में किसी भी गठबंधन के बारे में फैसला हाईकमान को लेना है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में करीब 2 साल बाद अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन हो सकता है जिसके पूरे आसार नजर आ रहे हैं. सूत्रों के हवाले से जो खबर चल रही है उसके अनुसार, पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल और भाजपा हाईकमान के बीच चर्चा हो चुकी है. इसमें लोकसभा और विधानसभा सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर भी सहमति बनायी जा चुकी है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो यदि ये गठबंधन हुआ तो फिर सुखबीर बादल या उनकी सांसद पत्नी हरसिमरत कौर बादल में से कोई एक केंद्र की NDA सरकार में फिर मंत्री बन सकते हैं.
#WATCH | Chandigarh | We have an alliance with BSP, so how is this question even arising. This is our routine meeting. I have come after a month so we are having a routine meeting…We held the meeting to discuss VAT increase and water issues…: President of Shiromani Akali Dal,… pic.twitter.com/R953CpRloQ
— ANI (@ANI) July 6, 2023
उल्लेखनीय है कि अकाली दल नेता और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद से ही गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही है. उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सारे शेड्यूल रद्द कर दिये थे और चंडीगढ़ में अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे. यही नहीं अगले दिन अंतिम संस्कार में भाजपा के राष्ट्रीय प्रधान जेपी नड्डा पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री की अंतिम अरदास में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गांव बादल पहुंचे थे. इससे भाजपा ने ये संदेश दे दिया कि चाहे अकाली दल ने उन्हें छोड़ दिया हो लेकिन वे अपने पुराने साथियों का साथ कभी नहीं छोड़ते.